जादुई घड़ा:
एक मनक पुर नाम का गांव था। जहा एक रामु नाम का गरीब किसान रहता था । उस किसान के पास एक छोटी सी खेती थी ।
जहा वह महेनत से काम करता था । रामु के घर में उसकी पत्नी ही थी दोनो बहुत ज्यादा गरीब थे इसलिये कभी कभी एक समय का खाना नही खाने को मिलता था ।
एक बार रामु खेती कर रहा था कि अचानक उसका कुदाल एक पत्थर जैसे धातू से टकराया और जोर से आवाज आई ।
जादुई घड़ा:
रामु चौक गया और फिर रामु ने मिट्टी खोदी तो एक मजबूत पत्थर का घड़ा निकला । रामु ने सोचा कि इस घड़े को क्या करुंगा यह सोच कर उसे नीम के पेड़ के निचे रख दिया ।
और फिर रामु अपना बाकि का काम करने लगा । दोपहर का समय हो गया था ।रामु काम कर के थक गया था ।
वह अपना खाना लेकर नीम के पेड़ के निचे खाने लगा और फिर खाना खाने के बाद उसने उस घड़े को देखा तो पुरा घड़ा सेब से भरा था ।
जादुई घड़ा:
रामु ने सोचा कि इस घड़े मे इतना सेब कौन भरेगा । ज्यादा ध्यान ना देते हुए रामु सेब निकाल कर खाने लगा और घड़ा बगल में रख लिया। रामु जब सेब खा रहा था।
अचानक से एक सेब घड़े मे गिर गया और थोड़े देर मे पुरा घड़ा सेबो से भर गया ।
रामु पुरी तरह चौक। गया और समझ गया कि ये कोई जादुई घड़ा है और इसमें जो भी डालो उस घड़े में फुल हो जाता है ।
जादुई घड़ा:
रामु तुरंत घड़े को लेकर अपने घर चला गया । घर आकर रामु ने अपनी पत्नी को जादुई घड़े के बारे मे बताया ।
उसकी पत्नी रामु पर विश्वास नही कर रही थी। तो रामु ने एक चावल का टुकड़ा लेकर जादुई घड़े मे डाल दिया। तो थोड़ी देर मे पुरा घड़ा चावल से भर गया ।
उसकी पत्नी आश्चर्य में पद गई । दोनो खुश होकर रात का खाना खाये और सो गये सुबह होते ही रामु ने उस घड़े मे सब्जियां डाली तो बहुत सारी सब्जियां बहार निकल आयी। रामु बोहोत खुस हुआ और उन सब्जियों को बाजार में बेचने चला गया ।
जादुई घड़ा:
इस प्रकार रामु ने खुब सारा धन कमाया और बड़ा सा घर बनवा लिया । गांव के सभी लोग रामु के बारे में चर्चा करने लगे कि आखिर रामु इतना अमीर कैस हो गया ।
पुरे गाव मे रामु के बारे मे चर्चा होने लगी बहुत गांव मे दो चोर थे। दोनो चोरी करने मे बहुत माहिर थे ।
जब ये बात इन चोरो को पता चली तो दोनो चोर दिन के समय रामु के घर जाकर देखने लगे की चोरी कैसे करे । और फिर रत में दोनों घर गए
जादुई घड़ा:
दोनो रामु के घर जाकर खिड़की से छुपकर देख रहे थे। कि रामु एक सब्जी डालता तो जादुई घड़े से बहुत सारी सब्जी बनकर निकल जाती थी । दोनो चोर बहुत खुश हुए और उस जादुई घड़े को चोरी करने की योजना बनाई ।
चोर रात के समय रामु के घर गये। और जादुई घड़े को चोरी करके अपने घर आ गये । दोनो चोर मे से पहेला चोर जादुई घड़े को जाँचने के लिये उसमे एक सोने का सिक्का डाला ।
जादुई घड़ा:
जैसे ही सोने का सिक्का डाला थोड़े देर मे बहुत सारे सोने के सिक्के बन गए । और फिर यह देखकर दोनो के बीच लालच आ गया ।
दोनो एक दुसरे से जादुई घड़े को छीनने लगे की अचानक से दोनो के हाथों से जादुई घड़ा छुठ गया ।
जादुई घड़ा:
और फिर जादुई घड़ा गिरकर टूट गया क्योकि जादुई घड़ा पुरी तरह से सोने से भरा था । और इसलिये गिरते ही टूट गया । इस प्रकार जादुई घड़ा ना चोर का हुआ और ना ही रामु का ।