एक गांव में राजू रहता था वह बहुत गरीब था उसका परिवार मुश्किल में था क्योकि वह अपने परिवार को कोई भी सुविधा नहीं दे पा रहा था, जिससे उसका परिवार मुश्किल में था मगर वह तो यही बात सोचता था की जो भी भगवान करते है वह अच्छा ही करते है यह भी हो सकता है की भगवान ने उनके लिए कुछ अच्छा ही सोचा होगा और वह वक़्त आने पर ही देंगे.
एक दिन रात को राजू सो रहा था तभी वह सपना देखता है की उसके पास जादुई चक्की है वह उस जादुई चक्की से अपने लिए बहुत सरे सामान मगाता है जिससे उसके सामने सभी समस्या खत्म हो रही है वह जादुई चक्की उनके लिए हर तरह का आटा पीस सकती है वह भी सिर्फ नाम लेकर ही ऐसा हो जाता था, राजू को सपना बहुत अच्छा लग रहा था मगर यह सपना कितनी देर तक था यह बात राजू को जब पता चलती है जब उसका सपना टूट जाता है क्योकि सुबह होती है वह उठ जाता है,
जब सुबह हो जाती है तो राजू उठ जाता है और अपनी पत्नी से यह बात कहता है की आज मेने सपने में जादुई चक्की देखी थी यह चक्की हमारे लिए सभी काम कर रही थी पत्नी ने कहा की यह तो सपना है मगर हकीकत में ऐसा नहीं है तुम जाग गए हो और इस तरह के सपने सच नहीं होते है सच में हमारी हालत तो बहुत खराब है हम कुछ भी नहीं कर पाते है राजू भी इस बात को समझ गया था.
राजू अपने काम पर जाता है पर वह जादुई चक्की का सपना भुल नहीं पाया था उसे याद था की नदी किनारे उसे जादुई चक्की मिली थी अब राजू को लग रहा था की शायद हमारा सपना पूरा हो सकता है वह नदी किनारे पर जाता है मगर वहा पर कोई भी जादुई चक्की नहीं है वह उदास हो जाता है तभी उसे एक नाव आती हुई नज़र आती है इस नाव में तो कोई भी नहीं है राजू उस नाव की और जाता है और कहता है की इसमें कोई भी नहीं है मगर एक चक्की रखी है इसका मतलब मेरा सपना पूरा हो गया है
वह जादुई चक्की जो मेरे सपने में आई थी वह यहां पर रखी है वह बहुत खुश जाता है और कहता है आज मेरा सपना पूरा हो गया है वह उस जादुई चक्की को लेता है और घर चला जाता है वह अपत्नी के पास जाता है और कहता है की मेरा सपना पूरा हो गया है यह जादुई चक्की मुझे मिल गयी है पत्नी देखती है और कहती है की यह बात तो सच है यह काम कैसे करती है क्या तुम्हे पता है.
वह आदमी कहता है की इस जादुई चक्की के सामने जो भी नाम लिया जायेगा उसके बाद वह काम करने लगेगी हमे जो भी चाहिए यह दे सकती है मगर पत्नी को इस बात पर कोई विश्वास नहीं था,
राजू ने कहा की हमारी घर में बहुत सारा आटा आ जाए उसके बाद चक्की चलने लगती है और बहुत सारा आटा आ जाता है उसके बाद राजू कहता है की मुझे बहुत सारी दाल मिल जाए वह जादुई चक्की दाल भी पीस देती है आज राजू का परिवार भर पेट खाना खा रहा था आज उसे लग रहा था की भगवान हमेशा अच्छा करते है.
अब उनके दिन बदलने वाले थे क्योकि उन्हें अब खाना मिल गया था आज उन्हें कोई कमी नहीं था भले ही उन्होंने धन का लालच नहीं किया था क्योकि वह उस जादुई चक्की से अपने लिए खाना ही मंगवाते थे उन्हें जब भी भूख लगती है वह उस जादुई चक्की से अपने लिए भोजन की व्यवस्था कर चुके होते है पत्नी भी अब जानती थी की अब हमे मुसीबत का सामना नहीं करना होगा उनका पड़ोसी यह सब देख रहा था की आज उनके पास खाने को सब कुछ है.
वह भी की यह सब कुछ कैसे हो रहा है वह खिड़की के पास खड़ा हुआ था और देख रहा था एक जादुई चक्की यह सब कुछ कर रही है उसे विश्वास नहीं होता है मगर जब वह देख रहा था तो उसे अब यकीन हो गया था की यह सब कुछ वह जादुई चक्की कर रही है.