भुक्कड़ खरगोश हिंदी कहानी

भुक्कड़ खरगोश हिंदी कहानी
भुक्कड़ खरगोश हिंदी कहानी

एक था खरगोश एक नंबर का भुक्कड़ वो बोहोत खाता था, और सोता रहा था। हमेशा खाता दिन रात खाता रहा था। इतना खाता था फिर भी संतोष नहीं होता था। एक बार क्या हुआ की सभी खरगोश मटर के खेत में गुसे। सभी ने जल्दी जल्दी खाना खा लिया पर अपने भुक्कड़ खरगोश का खाना खतम ही नहीं हो रहा था। एक खरगोश ने उसे कहा ऐ जल्दी चलना नहीं तो खेत का मालिक हमें देख लेगा और हमें पत्थरों से मारेगा। भुक्कड़ खरगोश बोला अरे रुक रे और खाता हू ना बड़ी सी डकार लेटा हू और फिर हम चले भुक्कड़ खरगोश बकर बकर खाने लगा इस पर दूसरा खरगोश फिर बोला ऐ जलदी करना वो देख टेकरी के ऊपर से खेत का मालिक आता दिख रहा है पर भुक्कड़ खरगोश बोला अरे ठीक है रे अभी, अभी खेत तक तो नहीं पाहुचा ना खाने दे और थोड़ा खाता हू बड़ी सी डकार लेटा हू और फिर हम चलेंगे देखते ही देखते खेत का मालिक खेत में आ गया सब खरगोश चिल्लाने लगे भागो भागो खेत का मालिक आ गया खेत का मालिक आ गया सभी खरगोश दौडने लगे फटाफट लंबी छलांगे मार्ने लगे भुक्कड़ खरगोश के बरह बज गए। उसे ना जोर भागते बन रहा था और ना ही लंबी छलांगे मरते बन रहा था। सभी खरगोश खेत की मेड के ऊपर से कूद कूद कर जा रहे थे। भुक्कड़ खरगोश ने भी कूदने की कोषिश की पर उसका पेट इतना भारी हुआ था, की वो काटे दार मेड में ही गिर गया। उसको बोहोत काटे चुबे उतने में खेत का मालिक हाथ में डंडा ले कर आया उसने वो डंडा उठाया और भुक्कड़ खरगोश को दे मारा। वो खरगोश के पैरो में लगा फिर लंगड़ाते लंगड़ाते भुक्कड़ खरगोश जैसे तैसे भागने लगा थोड़ी धेर में उसका घर आया। बच गया ऐसा सोच कर वो धीरे धीरे चलने लगा उतने में एक सियार दौड़कर आया। बाकी के खरगोश झट से घर में घुस गए। भुक्कड़ खरगोश पीछे रह गया, वो भी घर में घुसने लगा पर उसका पेट खा खा कर फूल गया था। वो घर के अंदर ही नहीं घुस पाया। वो दरवाजे पर ही अटक गया। सारे खरगोश उसे अंदर की ओर खींच रहे थे और बहार से सियार उसकी पूछ पकाड़ के उसे खींचने लगे। भुक्कड़ खरगोश चिल्लाने लगा रोने लगा। पर सियार ने उसकी पूछ नहीं छोड़ी आखिर में भुक्कड़ खरगोश की पूंछ ही कट के निकल गई और सियार धड़ाम से पीछे गिर गया। सभी खरगोशो ने भुक्कड़ खरगोश को जैसे तैसे घर के अंधेर खींच कर लाये। बेचारा खरगोश उसका भुक्कड़ पन उसे ही रास नहीं आया। जान पर ही बन आई थी और उसकी पूछ ने किम्मत चुकाई।

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