हाथी की बेमिशाल मित्रता हिंदी कहानी 2021

हाथी की बेमिशाल मित्रता हिंदी कहानी 2021
हाथी की बेमिशाल मित्रता हिंदी कहानी 2021

 

हाथी की बेमिशाल मित्रता बहुत ही समय की बात है। एक जंगल में एक हाथी रहता था। उस हाथी को एक मित्र की तलाश थी। वह मित्र की तलाश में पूरे जंगल में इधर-उधर घूम रहा था। उसे पेड़ पर चड़ा एक बंदर दिखाई दिया। हाथी उस बन्दर से बोला बंदर भाई , क्या तुम मेरे मित्र बनने का कास्ट करोगे ? बंदर बहोत ही चालक था , वह बोला आप बहुत ही बड़े हैं आप मेरी तरह एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर झूल भी नहीं सकते तो फिर आपकी मेरी दोस्ती कैसे हो सकती है भला , अगले दिन उसकी मुलाकात एक खरगोश से हुई क्यूँ , खरगोश जी क्या तुम मेरे मित्र बनना पसंद करोगे ? आप तो बहुत बिसाल और बड़े हैं, आप मेरे बाड़े में किसी भी तरह से घुस भी नहीं सकेंगे। फिर मै आपको अपना दोस्त क्यों बनाऊ मेरी आपकी दोस्ती कभी भी नहीं सकती हाथी जी । अब मेंढक के पास पहुंचा मेरा कोई मित्र नहीं है, मेंढक मित्र , तुम अगर मुझे अपना दोस्त बना लोतो तुम्हारी बड़ी कृपा होगी। अरे वाह रे वह , मान न मान मैं तेरा मेहमान तुम इतने बड़े हो और मैं इतना छोटा कुछ तो सोचो मै तुम्हारा मित्र कैसे बन सकता हू , यह बेमेल की दोस्ती कभी भी नहीं हो सकती है और फिर तुम मेरी तरह फुदक भी तो नहीं सकते हो फिर क्यों मै तुम्हे अपना मित्र बनाऊ जाओ भाई जाओ , कहीं और अपनी दाल गलाओ जा कर हाथी जी अचानक हाथी को एक लोमड़ी दिखाई दी उसने उसे रोका और पूछा लोमड़ी सुनो क्या तुम मुझे अपना मित्र बनाना पसंद करोगी ? देखो तुम ,माना मत कहना मैं तुम्हारे पास बहुत बड़ी उम्मीद लेकर तुम्हारे पास आया हूँ बोलो तुम बनोगी ? बनोगी न मेरी मित्र , तुम बनोगी न ? न बाबा न मै नहीं बनुँगी तुम बहोत बड़े हो, अपना साईज़ देखो जा के पहले तुम बहोत बड़े हो कही गलती से मैं तुम्हारे पाँव के नीचे आ गई तो मेरी तो मर ही जाउंगी मुझे तुम्हारा मित्र नहीं बनना न बाबा न , कोई और घर देखो कमाल है कोई मुझे अपना मित्र ही नहीं बनाना चाहता अगले दिन हाथी ने देखा कि जंगल के सभी तरह के जानवर इधर उधार बहुत तेज़ी से भाग रहे थे, हाथी को समझ नहीं आया क्या हो रहा है। उसने लोमड़ी से पूछा क्या हुआ ? क्यों ऐसे भाग रहे हो ? हाथी दादा , पीछे शेर है और वह हम सबको मारकर खा जाना चाहता है , तभी सभी जानवर अपनी अपनी जान बचाकर कहीं छुप जाना चाहते हैं। शेर तो मनो जैसे जानवरों के पीछे हाथ धोकर पड़ा हुआ था। हाथी ने शेर से कहा श्रीमान जी आप क्यों व्यर्थ में इन सबकी जान लेने पे तुले हो ? सारे जानवरों को क्या तुम एक ही दिन में मार कर खा जाओगे क्या ये तुम क्या कर रहे हो ऐसा मात करो ? जा रे जा , तू अपना रास्ता देख तुझे क्या करना है कुछ भी करू ,जो मेरा दिल करेगा मै वही करूंगा। हाथी को समझ में आ गया था , कि लातों के भूत कभी बातों से नहीं माना करते, उसने शेर को बहुत जोर से एक लात मारी और शेर के होश ठिकाने आ गए। शेर वहा से डर कर भाग गया। हाथी ने जब यह सबको खुशखबरी सुनाई, तो मनो सबकी खुशी का ठिकाना ही न रहा सभी ने हाथी को बहोत बहोत धन्यवाद किया और कहा तुम्हे हमारा मित्र बनने के लिए सचमुच तुम्हारा साईज़ बड़ा होना बिलकुल ही ठीक है। तुम हम सब के मित्र बन सकते हो। मित्र वो होता है जो मुसीबत में काम आता है ।

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