5 Lion And Rabbit Story In Hindi: शेर और खरगोश की छोटी कहानी

बच्चों के लिए शेर और खरगोश की कहानियाँ हमेशा से ही मनोरंजन और शिक्षा का स्रोत रही हैं। इस ब्लॉग पोस्ट Lion and Rabbit Story in Hindi में, ऐसे ही हम विभिन्न रोचक कहानियों को साझा करेंगे, जो शेर और खरगोश के अद्भुत और प्रेरणादायक प्रसंगों को समेटे हुए हैं। 

ये कहानियाँ न केवल आपके बच्चों को हंसाएंगी और मनोरंजन करेंगी, बल्कि उनमें नैतिक मूल्यों का भी संचार करेंगी। चाहे वह चालाक खरगोश द्वारा शेर को बुद्धिमानी से मात देने की कहानी हो या उनकी अद्वितीय मित्रता का वर्णन, हर कहानी में बच्चों के लिए कुछ न कुछ सिखने योग्य होगा। 

तो आइए, इन खरगोश और शेर की प्यारी छोटी कहानियों (Lion and Rabbit Story in Hindi) की दुनिया में कदम रखें और बच्चों को सुनाएं शेर और खरगोश की मजेदार दास्तानें।

5 Lion and Rabbit Story in Hindi: खरगोश और शेर की छोटी कहानी

तो दोस्तों, यह रहे 5 मजेदार खरगोश और शेर की छोटी कहानियाँ जो आपके बच्चों के लिए एक अद्भुत और शिक्षाप्रद अनुभव होंगी और उन्हें मूल्यवान जीवन पाठ भी सिखाएंगी।

1. शेर और चतुर खरगोश की कहानी (Lion and Rabbit Story in Hindi Written)

शेर और चतुर खरगोश की कहानी (Lion and Rabbit Story in Hindi Written)

बहुत साल पहले की बात है। एक जंगल में रहता था एक ताकतवर शेर। वह अपने रास्ते में आए किसी भी जानवर को मार देता था। सारे जानवर अपने दोस्तों को मरते हुए देखकर दुखी थे तो उन सबसे मिलकर एक योजना बनाई।

एक दिन सब जानवर शेर के पास आकर बोले, आप हमारे राजा हो और हम नहीं चाहते कि आपको शिकार करने की मुसीबत हो, तो हम सब मिलकर आपके लिए रोज एक जानवर भेजेंगे आपके भोजन के लिए।

शेर ने बात माना और कहा ठीक है, पर हर रोज मेरी गुफा के बाहर एक जानवर होना चाहिए, नहीं तो मैं तुम सबको चुन चुनकर मार दूंगा। इसके बाद जंगल में थोड़ी सी शांति थी। 

एक दिन एक दुबला पतला सा खरगोश को शेर के भोजन के लिए चुना गया। खरगोश था चालाक और उसने अपने आप को बचाने का सोच लिया था। रास्ते में खरगोश एक गहरा कुआ से गुजरा। पानी में अपनी परछाई को देखकर खरगोश के दिमाग में एक विचार आया। 

जब वह शेर की गुफा तक पहुंचा, शेर उसकी प्रतीक्षा कर रहा था। शेर गुस्से से गरजने लगा। खरगोश ने बोला शेर राजा, मेरी गलती नहीं है कि मै देर से आया हूँ। मैं और तीन और खरगोश, चारो को आपके भोजन के लिए तैयार किया गया था और हम चारो आपके पास आ ही रहे थे।

जब हम चारो आ रहे थे तो रास्ते में एक बड़ा, महान और शक्तिशाली शेर ने हम सबको रोक लिया और पूछा कि हम जा कहां रहे हैं? जब हमने उसको असली वजह बताई तो वह गुस्से से गरजने लगा और कहा कि इस जंगल का असली राजा वही है और आप केवल एक ढोंगी हो। 

उसने बाकी तीन खरगोशों को खा लिया और मुझ अकेले को भेजा आपके पास आपको चेतावनी देने के लिए। खरगोश की बात सुनकर शेर अब गुस्से से उबलने लगा और कहा कौन है ये ढोंगी जिसने मुझे चुनौती देने की हिम्मत की? ले चलो मुझे उसके पास। 

खरगोश शेर को उस कुएं के पास ले गया जिसे उसने रास्ते मे आते हुये देखा था। खरगोश ने शेर से कहा, आप इस कुएं में झांककर देखो आपको वो खतरनाक शेर दिखाई देगा। 

शेर ने कुएं में झांककर देखा तो उसको अपनी ही परछाई पानी में नजर आई और वह यह सोचकर की वो ढोंगी शेर उसको घूर रहा है शेर ने जोर से कुएं में छलांग लगा दी। पर शेर को क्या पता था कि जिस शेर पर वह हमला करने जा रहा है वह केवल उसकी ही परछाई थी। 

चुंकि कुएं का पानी गहरा था, शेर तुरंत पानी में डूबकर मर गया। और इस तरह चालाक खरगोश ने अपने आप को ही नहीं बल्कि सारे जंगल के जानवरों की जान भी बचा ली। 

कहानी की सीख (Moral of the Story)

इस कहानी से सीख मिलती है कि चतुराई और सूझबूझ से बड़ी से बड़ी ताकत को मात दी जा सकती है। मुसीबतों का सामना करने के लिए शारीरिक शक्ति से ज्यादा, बुद्धिमानी और संयम की आवश्यकता होती है।


2. लालची शेर और खरगोश की कहानी (Sher aur Khargosh ki Kahani in Hindi)

लालची शेर और खरगोश की कहानी (Sher aur Khargosh ki Kahani in Hindi)

गर्मी के दिनों में एक दिन जंगल में एक शेर को बहुत जोरों से भूख लगी। इसलिए वह इधर उधर खाने की तलाश करने लगा। कुछ देर खोजने के बाद उसे एक खरगोश मिला, लेकिन उसे खाने के बदले में उसने उसे छोड़ दिया क्योंकि उसे वह बहुत ही छोटा लगा। 

फिर कुछ देर ढूंढने के बाद उसे रास्ते में एक हिरन मिला। उसने उसका पीछा किया, लेकिन चूंकि वह शेर बहुत देर से खाने की तलाश कर रहा था, ऐसे में वह थक गया था जिसके कारण वह हिरन को पकड़ नहीं पाया। 

अब जब उसे कुछ भी खाने को नहीं मिला तब वह वापस उस खरगोश को खाने के बारे में सोचने लगा। लेकिन जब वह वापस उसी स्थान पर पहुंचा उसे वहां पर कोई भी खरगोश नहीं मिला क्योंकि वह वहां से जा चुका था। 

अब शेर काफी दुखी हुआ और बहुत दिनों तक उसे भूखा ही रहना पड़ा। 

कहानी की सीख (Moral of the Story)

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अत्यधिक लोभ करना कभी भी फलदायक नहीं होता है। अधिक की चाह में कभी-कभी कम से भी हाथ धो बैठते हैं। इसलिये समय पर उपलब्ध संसाधनों की कद्र करें, अन्यथा बाद में पछताना पड़ सकता है।


3. शेर और खरगोश की समझदारी (Lion and Rabbit Story in Hindi with Moral)

शेर और खरगोश की समझदारी (Lion and Rabbit Story in Hindi with Moral)

जंगल में एक शेर और एक चालाक खरगोश रहते था। खरगोश अपनी सैतानी हरकतों और चालाकी के लिये काफी जाना जाता था|  छोटा हो या बड़ा वह सभी जानवरो को अपनी चालाकी से मात दे देता था।

एक दिन जंगल का राजा शेर बहुत भूखा था और वह अपने खाने के लिये शिकार की तलाश में इधर उधर भटक रहा था। तभी दुसरी ओर से खरगोश फुदकते फुदकते अपने मस्ती में आ रहा होता है और जंगल के राजा शेर से उसकी मूलाकात हो जाती है। 

शेर तो पहले से ही भूख से व्याकुल था तो जैसे ही उसने खरगोश को देखा, उसके मुह में पानी आ गया और वह मन ही मन सोंचने लगा कि चलो आज के खाने का इंतजाम तो हो गया।

शेर खरगोश को पकड़ने ही वाला था कि खरगोश भी अपनी जान बचाने की कोशिश करने लगा और इधर उधर भागने लगा और जंगल का राजा शेर भी उसके पीछे पीछे उसको पकड़ने के लिये भागने लागा। 

अब खरगोश की तो स्वभाव ही होती है तेज भागने की, तो शेर महाराज को काफी मशक्कत करनी पड़ी खरगोश को पकड़ने के लिये, लकिन आखिरकार उसने खरगोश को पकड़ ही लिया। शेर खरगोश को मारने ही जा रहा होता है तभी खरगोश ने शेर से कहा, शेर जी, आप मुझ नन्हे सी जानवर को मारकर क्या हि खाओगे, इतने मे तो आपका पेट भी नहीं भरेगा।

अगर आप मुझे छोड़ दें तो मैं आपको मुझसे बहुत बड़ा शिकार दिलवा सकता हूँ। शेर मन हि मन सोंचा, बात तो ये सही कह रहा है। अगर मैं इसे मारकर खाया तो मेरा आधा भरा पेट मुझे और भी परेशान करेगा और पता नहीं मुझे इसके बाद और कोई शिकार मिलेगा भी या नहीं, यह सोंचकर वह मान गया। 

इस तरह से शेर खरगोश को नहीं खाता और उससे कहता है, ठीक है, तो चलो दिखाओ मुझे बडा शिकार। खरगोश का सैतानी दिमाग तब तक विचार कर लेता है और वह उसे एक बड़े बैल के पास ले जाता है जिसे उसने थोडी देर पहले रास्ते पर आते हुये देखा था। 

खरगोश ने शेर को उस बड़े बैल के पास ले जाकर कहा, “महाराज आप इसे मार सकते हैं।” 

शेर फिर चुपके चुपके बैल के नजदीक जाता है जो चारा चर रहा होता है और उस पर हमला करता है, लेकिन वह बैल बहुत ही ज्यादा ताकतवर होता है तो वह शेर को भगा देता है।

इस तरह खरगोश समझदारी से अपनी जान बचा लेता है और उधर शेर को उस दिन भूखा ही रहना पड़ता है। इसी को तो कहते हैं – हाँथ को तो आया पर मुह ना लगा।

कहानी की सीख (Moral of the Story)

इस कहानी से सीख मिलती है कि चतुराई और बुद्धिमानी का महत्व शारीरिक बल से कहीं अधिक होता है। अगर विपरीत परिस्थितियों में भी संयम और समझदारी से काम लिया जाये तो बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान संभव है।


4. शेर और खरगोश की मित्रता (Khargosh aur Sher ki Kahani)

शेर और खरगोश की मित्रता (Khargosh aur Sher ki Kahani)

एक जंगल में एक बहुत बडा और भयानक शेर रहता था। वह जंगल का राजा माना जाता था और सभी जानवर उससे डरते थे। 

एक दिन एक खरगोश ने उसके पास जाकर दोस्ती करने का निर्णय किया। शेर ने हैरानी से कहा, तुम इतने छोटे और कमजोर हो, मैं तुम्हारा क्या फायदा उठा सकता हूं? 

खरगोश हंसते हुए उत्तर दिया, हे शेर भैया! मित्रता में कोई छोटा बड़ा नहीं होता। हम मिलकर जंगल को सुरक्षित बना सकते हैं और एक दूसरे की मदद कर सकते हैं। 

शेर ने खरगोश की बातों को सुनकर समझा कि मित्रता का मतलब छोटे और बड़े में नहीं, साझेदारी में है। उसने खरगोश को अपना साथी बनाया और जंगल की सुरक्षा में मदद करने लगा। 

शेर और खरगोश की इस अनूठी मित्रता ने जंगल को और भी सुरक्षित बना दिया और सभी जानवर खुश रहने लगे। 

कहानी की सीख (Moral of the Story)

शेर और खरगोश की यह छोटी सी कहानी हमें सीख देती है कि मित्रता का मतलब व्यक्ति के आकार या शक्ति से नहीं बल्कि आपसी समर्थन और साझेदारी से है।


5. चालाक खरगोश और शेर की कहानी (Rabbit and Lion Story in Hindi)

चालाक खरगोश और शेर की कहानी (Rabbit and Lion Story in Hindi)

बहुत समय पहले की बात है। जंगल में एक चालाक खरगोश रहता था जिसका नाम लीला था। लीला जंगल की सभी जानवरों के बीच में चालाकी और होशियारी के लिए मशहूर थी। 

एक दिन जंगल का राजा एक बड़े से शेर जिसका नाम राजा था, लीला से मिलने के लिए आया। राजा जानता था कि लीला बहुत ही चालाक है और उसने सुना था कि उसकी बुद्धिमता का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। 

राजा ने लीला से कहा, हे लीला, मैंने सुना है कि तुम बहुत होशियार हो। क्या तुम मेरे साथ एक मुकाबला करना चाहोगी? लीला हंसते हुए उत्तर दी, बिल्कुल राजा भैया, मुझे मुकाबला करना बहुत पसंद है। 

मुकाबले का आयोजन हुआ और दोनों को अलग अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लीला ने अपनी चालाकी और तेज की का इस्तेमाल करके हर चुनौती को पार किया। राजा थोड़ी देर तक चिंतित और हैरान रहा क्योंकि उसने इससे पहले कभी इस तरह का मुकाबला नहीं देखा था। 

अंत में लीला ने मुकाबला जीता और राजा को उसकी चालाकी का सम्मान किया। राजा ने कहा, तुम सचमुच एक अद्भुत और चालाक खरगोश हो। लीला ने हंसते हुए उत्तर दिया, धन्यवाद राजा भैया। 

हो गई होशियारी की जीत। 

इसके बाद लीला और राजा एक दूसरे के साथ अच्छे दोस्त बन गए और जंगल में हमेशा खुश रहने लगे। 

कहानी की सीख (Moral of the Story)

इस शेर और खरगोश की छोटी सी प्रेरणात्मक कहानी से यह सीख मिलती है कि बुद्धिमानी और चालाकी से कठिन से कठिन चुनौतियों को भी पार किया जा सकता है। अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें, क्योंकि सही रणनीति और होशियारी से आप किसी भी समस्या का समाधान पा सकते हैं।


तो दोस्तों, आपको यह Lion and Rabbit Story in Hindi कैसी लगी हमें कमेंट में जरूर बताएं क्योंकि आपका विचार हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। और साथ ही इस पोस्ट को आप अपने दोस्तों को भी शेयर कीजियेगा।

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Rakesh Dewangan

मेरा नाम राकेश देवांगन है। Hindi Kahani ब्लॉग वेबसाइट पर मेरा उद्देश्य हिंदी में प्रेरक, मजेदार, और नैतिक कहानियों के माध्यम से पाठकों को मनोरंजन और शिक्षित करना है। मेरी कोशिश है कि मैं उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करूँ जो लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए। आपके समर्थन से, मैं अपने इस सफर को और भी रोमांचक और सफल बनाने की उम्मीद करता हूँ।

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