10+ Best Romantic Story In Hindi: रोमांटिक कहानी लव स्टोरी

प्रेम कहानियाँ (Love Stories in Hindi) हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं, जो दिलों को छू जाती हैं और भावनाओं का सागर उफान देती हैं। और इस ब्लॉग पोस्ट “Romantic Love Story in Hindi” में, हम ऐसे ही विभिन्न रोमांटिक प्रेम कहानियों को प्रस्तुत करेंगे, जो गहरी और भावनात्मक कहानियों को समेटे हुए हैं। 

इनमे पहली नजर का प्यार, प्रेम के अधूरे अहसास, मेरा पहला पहला प्यार, सच्चे प्यार की कहानी, और एक अटूट रिश्ता जैसी दिल को छू लेने वाली और रोमांटिक कहानी लव स्टोरी शामिल है जो न केवल आपके दिल को सुकून देंगी, बल्कि प्रेम की गहराई और उसकी सच्चाई को भी उजागर करेंगी। 

तो आइए, इन दिल को छू लेने वाली कहानियों (Love Story in Hindi) के माध्यम से प्रेम की इस अनोखी दुनिया में डूबते हैं और उसके खूबसूरती को महसूस करें।।

10+ Romantic Love Story in Hindi: रोमांटिक कहानियां इन हिंदी

Best Romantic Story In Hindi रोमांटिक कहानी लव स्टोरी

तो दोस्तों, यह रहे 11 दिल को छू लेने वाली और रोमांटिक कहानियाँ जो न केवल प्रेम का अनुभव कराएगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि सच्चा प्यार कभी नहीं मरता।

1. पहली नजर का प्यार (Romantic Love Story in Hindi)

स्कूल का समय काफी सुनहरा होता है। इस समय को कभी भूला नहीं जा सकता। लेकिन इसके साथ ही जब स्कूल में किसी से प्यार हो जाए तो फिर उसे पूरी जिंदगी भुलाया नहीं जा सकता। 

उस समय मैं अपने स्कूल में पढ़ता था। मुझे पढ़ाई से काफी लगाव था। वैसे तो मैं पढ़ने में उतना तेज नहीं था, लेकिन मुझे और भी पढ़ना था और पढ़ाई में तेज होना था। जब मैं अपनी नई क्लास में गया तो मेरी क्लास में एक लड़की आ गई। वह देखने में मेरे लिये किसी परी से कम नहीं थी। उसको देखते ही मेरा मन तेजी से कांपने लगता था। 

अब मुझे और भी ज्यादा पढ़ाई भी करना था, क्योंकि वह लड़की पढ़ने में काफी तेज थी। इसके लिए मैं काफी मेहनत के साथ पढ़ना चाहता था, लेकिन मुझे न जाने क्या हो गया था। मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। सारा दिन और सारी रात बस मैं उसके बारे में ही सोचा करता था। उसके बारे में सोचकर मुझे अच्छा लगता था। लेकिन जब मैं पढ़ाई के बारे में सोचता था तो मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आता था। 

मैंने एक बार सोचा इसके बारे में मैं अपने दोस्तों से कहू, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं होती थी। इसी सबके चक्कर में मैं रह गया और देखते ही देखते क्लास की पहली परीक्षा सामने आ गई। 

मेरी तैयारी कुछ भी नहीं थी। जब मैं परीक्षा के लिए अपनी कक्षा में गया तो मुझे खुद पर काफी गुस्सा आ रहा था। तभी मैं देखता हूँ कि वो लड़की मेरी ओर आ रही है। उसके चेहरे पर मुस्कान थी। वह काफी खुश लग रही थी। यह देखकर कुछ देर के लिए मैं अपने शरीर को हिला भी नहीं पा रहा था। 

उसको मुस्कुराता देखकर मैंने भी मुस्कुरा दी जब तक वो मेरे पास आकर बोली कि कैसे हो तुम? तुम तो अपने क्लास के टॉपर हो। हर टीचर तुम्हारी तारीफ करते हैं। मैं बहुत दिन से तुमसे मिलना चाहती थी लेकिन नहीं मिल पा रही थी। परीक्षा की तैयारी करनी थी। तुम तो परीक्षा के लिए तैयार ही होंगे। 

मैंने धीरे से हां कहा। मैं परीक्षा के लिए तैयार हूं। इस पर लड़की ने कहा, बहुत ही अच्छा। इसके बाद वह आगे अपनी सहेली के पास चली गई। मैं बस देखता रह गया। अब परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र मिला। मुझे उस प्रश्नपत्र में कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। बस मैं उस लड़की के बारे में सोचता रहता था। 

इसी तरह से परीक्षा का आधा समय बीत गया। तभी मुझे एक आवाज सुनने को मिली। वह आवाज मेरे पीछे से आ रही थी। जब मैंने पीछे देखा तो वह लड़की “अब मैं जमीन पर नहीं बल्कि आसमान की सैर कर रहा था”। उसने बड़ी ही धीरे से मेरा नाम लेकर कहा, पेपर नहीं देना है क्या? अभी तक तुमने कुछ भी नहीं लिखा है। 

इस पर मैं कुछ बोलने वाला ही था तो फिर से वह लड़की बोली। अगर पेपर में कोई सवाल समझ नहीं आ रहा है तो मुझ गवार की मदद ले सकते हो। इसके बाद मैंने अपने प्रश्नपत्र को हल करना शुरू कर दिया। मुझे कुछ सवाल समझ नहीं आ रहे थे तो मैंने उस लड़की से पूछ ही लिया। उसने बड़ी ही समझदारी के साथ उस सवालों का हल बताया जिससे किसी दूसरे को शक भी न हो। 

इसके बाद मेरे कान में एक आवाज और आई। वह आवाज थी घंटी की। यह घंटी परीक्षा के समय के खत्म होने पर बज रही थी। हम दोनों ने अपने हल किए हुए पेपर को जमा किया और क्लास से बाहर आ गए। हम दोनों काफी बात करने लगे। 

इसके साथ ही हमें अपना लंच भी करना था। हम दोनों ने पहली बार अपने लंच को बांटकर खाया। अब मैं सोच रहा था कि मैं यह सब सपना देख रहा हूं या हकीकत। इसलिए मैंने उस लड़की से कहा, तुम मुझे थोड़ा चिकोटी काटो। इस पर उस लड़की ने कहा, क्यों? मैंने कहा मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि यह सपना देख रहा हूं या यह सब हकीकत है। 

इस पर उस लड़की ने बड़ी तेजी से चिकोटी काटा और कहा, क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे? इस पर मैंने हां कह दिया। अब हम एक दोस्त बन चुके थे। रोज हम काफी बातें करते और काफी समय साथ बिताते। हमारी परीक्षा खत्म हो गई और इस बार सबसे ज्यादा परीक्षा में अंक मेरे ही थे। इसका कारण वह लड़की थी। 

तो दोस्तों, इस तरह से मेरी स्कूल की कहानी शुरू हुई। मैंने जब तक स्कूल में पढ़ा उस लड़की के साथ ही रहा और कोई टीचर भी हमें बुरा नहीं कहते या यह नहीं कहते कि तुम दोनों साथ न रह करो। यह इसलिए क्योंकि हम पढ़ने में अच्छे थे और हम दोनों एक लिमिट में ही साथ थे। 

स्कूल वाले Love Experience मानो आसमान में उड़ रहे हों इस तरह का होता है। 


2. प्रेम के अधूरे अहसास (True Love Story in Hindi)

काजल और राकेश दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। काजल एक बहुत ही सुंदर और बुद्धिमान लड़की थी जो अपनी पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। राकेश एक बहुत ही हैंडसम और मजेदार लड़का था जो अपने दोस्तों के साथ मस्ती करना पसंद करता था। दोनों ने एक दूसरे को पहले कभी देखा नहीं था। 

लेकिन एक दिन वो दोनों एक ही कक्षा में आ गए। काजल और राकेश की पहली मुलाकात एक प्रोजेक्ट के दौरान हुई जिसमें उन्हें एक साथ काम करना था। काजल ने राकेश को एक जिम्मेदार और सहयोगी साथी पाया जो उसकी हर बात समझता था। राकेश ने काजल को एक प्यारी और दिलचस्प साथी पाया जो उसके साथ हंसती और बातें करती थी। 

दोनों को एक दूसरे के साथ काम करने में मजा आने लगा और वो दोस्त बन गए। काजल और राकेश की दोस्ती दिन प्रतिदिन गहरी होती गई और वो एक दूसरे के बिना रह नहीं पाते थे। वो एक दूसरे को फोन करते, मैसेज करते और कॉलेज के बाद मिलते थे। 

वो एक दूसरे के बारे में सबकुछ जानना चाहते थे और एक दूसरे की पसंद नापसंद, ख्वाब, आशाएं और डर उम्मीदें साझा करते थे। वह एक दूसरे को समर्थन देते, प्रोत्साहन देते और खुश रखते थे। 

काजल और राकेश को एहसास हुआ कि वो एक दूसरे से प्यार करते हैं लेकिन वह इसे एक दूसरे को बताने से डरते थे। वह डरते थे कि अगर उनका प्यार एक दूसरे को पसंद नहीं आया तो उनकी दोस्ती भी टूट जाएगी। वह अपने दिल की बात अपने दिल में ही रखते थे और एक दूसरे को सिर्फ दोस्त के रूप में ही प्यार करते थे। 

एक दिन काजल और राकेश को एक शादी में जाना था, जो उनके एक फ्रेंड की थी। वह दोनों बहुत ही खूबसूरत और स्टाइलिश लग रहे थे और एक दूसरे को देखकर चौंक गए। वह दोनों एक दूसरे की तारीफ करते हुए शादी में गए और वहां बहुत मस्ती की। वह दोनों नाचते गाते और हंसते रहे और एक दूसरे के करीब आते गए। 

शादी के बाद वह दोनों एक साथ घर जा रहे थे। जब राकेश ने काजल को अपने दिल की बात बताने का फैसला किया, वह उसे रोककर उसके सामने खड़ा हो गया और उसे देखते हुए बोला। काजल मुझे तुमसे कुछ कहना है। मुझे लगता है कि मुझे तुमसे प्यार हो गया है। मुझे नहीं पता कि तुम क्या सोचती हो, लेकिन मुझे तुम्हारे बिना जीना मुश्किल लगता है। तुम मेरी दोस्त हो, मेरी साथी हो, मेरी जान हो। क्या तुम मुझसे प्यार करती हो? 

काजल राकेश के इस इजहार से बेहद खुश हुई और उसने भी अपने दिल की बात बताई। वह बोली, राकेश, मुझे भी तुमसे प्यार है। मुझे भी तुम्हारे बिना रहना अधूरा लगता है। तुम मेरे लिए सबकुछ हो। तुम मेरे सपनों का राजकुमार हो। मुझे तुम्हारे साथ हमेशा रहना है। 

काजल और राकेश की लव स्टोरी यहां खत्म नहीं हुई बल्कि शुरू हुई। 

वो दोनों अपने प्यार को निभाते रहे और अपने जीवन को खुशी से भरते रहे। वो दोनों एक दूसरे के साथ हर मुश्किल का सामना करते और हर पल का आनंद लेते रहे। वह दोनों एक दूसरे के लिए बने थे और एक दूसरे के लिए ही रहे। 

कुछ साल बाद काजल और राकेश की शादी हो गई और वह दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे। वह दोनों एक दूसरे का साथ हर हाल में देते और एक दूसरे को प्यार से रखते थे। वह दोनों अपने कॉलेज के दोस्तों से भी मिलते रहते और उनके साथ बहुत मस्ती करते थे। 

कुछ महीनों बाद काजल और राकेश को एक प्यारा सा बेटा हुआ जिसका नाम नील रखे। नील उनकी जिंदगी का रंग बन गया और वह उसे बहुत प्यार करते थे। वह उसे अपनी आंखों का तारा समझते और उसकी हर ख्वाहिश पूरी करते थे। नील भी अपने माता पिता से बहुत प्यार करता था और उनके साथ बहुत खेलता था। 

काजल और राकेश की लव स्टोरी यहां भी खत्म नहीं हुई बल्कि और भी खूबसूरत हुई। 

वो दोनों अपने बच्चे के साथ एक खुशहाल परिवार बनाएं और अपने जीवन को आनंद से भरते रहें। वह दोनों एक दूसरे के लिए बने थे और एक दूसरे के लिए ही रहे। 

काजल और राकेश का बेटा नील बड़ा होता गया और वह एक बहुत ही शॉर्प और स्मार्ट बच्चा बन गया। वह अपनी पढ़ाई में बहुत अच्छा था और अपने दोस्तों के साथ भी बहुत मस्ती करता था। वह अपने माता पिता का बहुत सम्मान करता और उनकी हर बात मानता था। वह उनके साथ बहुत प्यार से रहता और उन्हें हर खुशी देता था। 

एक दिन नील को एक लड़की से प्यार हो गया जिसका नाम रिया था। रिया उसके स्कूल में ही पढ़ती थी और वह एक बहुत ही सुंदर और मीठी लड़की थी। नील ने रिया को अपने दिल की बात बताई और वो दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे। दोनों एक दूसरे के साथ बहुत अच्छे दोस्त बन गए और एक दूसरे को समझते और सहारा देते थे। 

नील ने अपने माता पिता को रिया के बारे में बताया और उन्हें उससे मिलवाया। काजल और राकेश ने रिया को बहुत प्यार से स्वीकार किया और उसे अपनी बेटी समझा। वह उसकी खुशी के लिए दुआ करते और उसे अपना आशीर्वाद देते थे। रिया भी उनका बहुत सम्मान करती और उनके साथ बहुत अच्छे से रहती थी। 

काजल और राकेश की लव स्टोरी यहां भी खत्म नहीं हुई बल्कि और भी अद्भुत हुई।


3. मेरा पहला पहला प्यार (Romantic Story in Hindi for Girlfriend)

स्कूल खत्म कर कॉलेज में जैसे ही मेरा पहुंचना हुआ तो वहां लड़कियों को देख मन हिलोरे मारने लगा क्योंकि मैं जिंदगी भर केवल लड़कों वाले स्कूल में पढ़ा था तो कुछ जिज्ञासाएं इच्छाएं सी जागृत होने लगीं। 

धीरे धीरे कॉलेज में तीन महीने बीत गए और मैं तमाम कोशिशों के बाद भी एक भी महिला मित्र नहीं बना पाया। लेकिन शुरू से पढ़ाई में तो ठीक था तो सारे कार्य और फाइल पूरे थे। 

इसी दौरान एक लड़की का आगमन हमारी क्लास में हुआ। रंग थोड़ा सांवला। बड़े बड़े नेत्र और ठोड़ी पर तिल। साधारण सूट में वह असाधारण लग रही थी। जैसे ही वह मेरे पास से गुजरी, एक गाना मेरे दिमाग में चल गया। पहला नशा, पहला खुमार, नया प्यार है नया इन्तेजार…। 

मैं उसे रोज चुपके चुपके देखता था, पर बात करने की हिम्मत नहीं थी। एक दिन वो खुद आई और बोली कि मुझे कुछ फाइल चाहिए। मैं लेट आई हूं। कॉलेज में तो काम पूरा नहीं है। मुझे नोट्स बनाने हैं। मैंने तुरंत फ़ाइल दे दी। मगर दुखद बात ये थी कि मेरी लिखावट हमेशा बहुत गंदी थी। 

तो फिर कुछ देर बाद वह लड़की बोली, राघव आपका नंबर मिल सकता है क्या? क्योंकि इसमें अगर कुछ भी समझ नहीं आता है तो मैं फोन कर लूंगी। मैंने खुद से कहा वाह यादव जी, आज तो कमाल हो गया। मैंने अपनी आंतरिक खुशी को रोकते हुए नंबर दे दिया।

फिर क्या! शाम को उन मोहतरमा का फोन आया और बातों का सिलसिला शुरू हो गया। धीरे धीरे हमारे रिश्ते और भी मजबूत होते गए। एक दिन मैंने हिम्मत कर उससे अपने प्यार का इजहार और दिली भावनाएं व्यक्त की जो उसने साहिदा सहज स्वीकार भी की। 

हमने College, Post Graduate और भी कई कोर्स साथ में किए। इन सालों में वह मुझे समझ चुकी थी और मैं उसे। मेरे बहुत कठिन समय में भी वह हमेशा मेरे साथ रही। मेरे पीछे मेरी ढाल बनकर खड़ी रही। और तो और, मेरे संघर्ष के दिनों में जब भी मैं बिखरा या टूटा, उसने मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाया और पूरा मनोबल दिया। 

वह एक तरह से रिश्तों की किश्त नहीं, मेरी जिंदगी की किताब का वह आवरण बन गई, जिसके बिना किताब सुरक्षित नहीं है। हां। 

खैर मैं कालांतर में मेहनत कर सेना में आ गया और अपार मुसीबतों और समस्याओं के बाद हमने शादी कर ली। आज वह सांवली सी तीखे नैन नक्श वाली लड़की मेरी अर्धांगिनी है और मेरी सबसे प्यारी मित्र भी। फिर ज़िन्दगी आपको रिश्तों को समझने के मौके बहुत देती है और ऐसे इंसान भी देती है जिनके सहारे आप अपना जीवन उच्च से सरल तो बना ही सकते हैं। 

यह समझ आपको पैदा करनी है कि मिथ्या रिश्तों को ढोना है और रिश्तों के भरम में रहना है। यह एक नायाब और लाजवाब रिश्ता लेकर पड़ना है। 

और हां, मैं हमेशा उसको देख कर यही गाता हूं जरा सी सांवरी है वो, जरा सी बावरी है वो।…


4. सच्चे प्यार की कहानी (Short Romantic Story in Hindi)

अमन एक बहुत ही समझदार, होनहार और शिक्षित लड़का है। एक ऐसा लड़का जिसे किसी चीज की कोई कमी नहीं थी। उसकी जरूरतों से पहले ही उसके लिए वह चीज आ जाती थी। वह एक बहुत ही अमीर आदमी का लड़का था जिसकी अपनी सोसाइटी में वैल्यू थी, रेस्पेक्ट था। 

वहीं उसकी फैमिली उससे बहुत प्यार भी करती थी। उसकी हर बात उसके फैमिली के लोग मानते थे। पर शायद उसे ये नहीं पता था कि वो लोग उसकी शादी उसकी मर्जी से नहीं करेंगे। 

अमन एक गरीब घर की लड़की से प्यार करता था जिसका नाम निशा था। निशा अपने मां बाप की लाडली और अपने घर की इकलौती थी। निशा के पिता एक दुकानदार थे। निशा बचपन से ही पढ़ने में अच्छी थी और कई इनाम भी जीत चुकी थी और वह भी अमन से पागलों की तरह प्यार करती थी। 

दोनों एक दूसरे के साथ काफी समय बिताते थे और हमेशा हर चीज में एक दूसरे का साथ देते थे। अगर किसी एक को तकलीफ होती थी तो दूसरे को भी उससे ज्यादा होती थी। दोनों एक दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते थे और वो दुनिया की परवाह न करते हुए बस अपने प्यार का साथ हमेशा देना जानते थे और दोनों बहुत ही जल्द शादी भी करने वाले थे। 

एक दिन अमन घर पहुंचा और अपनी फैमिली के लोगों को सारी बात बताई कि वह निशा से कितना प्यार करता है और निशा भी उससे कितना ज्यादा प्यार करती है क्योंकि अमन के घरवाले उससे बहुत प्यार करते थे। उन्होंने अमन और निशा के रिश्ते को मंजूरी दे दी। अगले ही दिन निशा के घर जाकर उसकी फैमिली से बात करने को कहा। 

अगले दिन अमन और उसकी फैमिली निशा और उसकी फैमिली से मिले और जब वहां अमन के पिता को यह बात पता चली कि निशा के घर वाले गरीब हैं और निशा के पिता दुकानदार हैं, उन्हें यह रिश्ता अच्छा नहीं लगा क्योंकि निशा और उसकी फैमिली अमन की फैमिली से काफी गरीब थी और उनके स्टेटस को कहीं भी मैच नहीं कर पा रही थी।

तब अमन के पापा ने एक प्लान बनाया और निशा के पापा को डराया। अगर तुमने अपनी बेटी की शादी मेरे बेटे से की तो मैं तुम्हारी बेटी को जान से मार दूंगा। निशा के पापा डर गए और उन्होंने इस रिश्ते के लिए मना कर दिया और निशा के पूछने पर उन्होंने उससे सच छुपाते हुए कहा उन्हें यह रिश्ता पसंद नहीं है। 

जब यह बात अमन को पता चली तो वह निशा के घर आया और निशा के पापा से इसका कारण पूछा। उन्होंने कुछ भी बताने से साफ इनकार कर दिया और निशा ने भी कहा कि उसकी फैमिली की खुशी में ही उसकी खुशी है। जिससे कि अमन का दिल टूट गया और वह अपने घर चला गया। 

अमन के पापा ने उसे झूठी तसल्ली देते हुए कहा कि गरीब लोग होते ही ऐसे हैं बेटा और अमन ने भी उनकी बात मान ली। लेकिन जब कुछ दिनों बाद निशा के पापा और मम्मी आपस में बात कर रहे थे तो निशा ने सारी बातें सुन ली और तुरंत अमन को फोन करने लगी। लेकिन अमन इतना दुखी था कि उसने निशा का फोन ही नहीं उठाया। 

लेकिन बार बार फोन करने के बाद अमन ने फोन उठाया और बोला अब क्या चाहती हो तो फिर फिर निशा ने अमन को सारी बातें बताई कि कैसे उसके पापा ने निशा के पापा को धमकी दी और यह रिश्ता तोड़ने पर मजबूर कर दिया। 

जब यह बात अमन को पता चली तो उसे विश्वास नहीं हुआ और जब उसने अपने पापा से पूछा तो उन्होंने बताया कि यह सब उसकी खुशी के लिए ही तो कर रहे हैं। तब अमन का सर शर्म से झुक गया और वह तुरंत निशा के घर गया और उसके पापा से माफी मांगी और निशा से शादी करने का वचन भी दिया। 

फिर अमन ने अपना घर छोड़ दिया और एक छोटी सी नौकरी करने लगा और निशा से शादी करके निशा की फैमिली के साथ ही रहने लगा। इस तरह अमन ने अपने प्यार का रिश्ता निभा दिया। 


5. एक अटूट रिश्ता (Emotional Short Love Story in Hindi)

किसी ने सही कहा है कि सच्चा प्रेम कभी नहीं मरता। 

दोस्तो, आज की कहानी दो ऐसे लोगों की है जिन्होंने परिस्थितियों से हार नहीं मानी और अपने जीवन के हर एक सफर में प्रेम की एक ऐसी मिसाल कायम की जिसे लोग बरसों तक याद करते रहेंगे। 

राजू और सोनू का प्रेम विवाह हुआ था और दोनों का जीवन हंसी खुशी से बीत रहा था। उनके दो बच्चे हुए और दोनों ही पढ़ाई में बहुत तेज और अपने माता पिता का आदर करने वाले थे। बड़े होकर दोनो बच्चो को अच्छी नौकरी मिल गयी और दोनों अपने अपने जीवन में सैटल हो गये, बस रह गए राजू और सोनू।

पर दोनों तन्हा कहां थे, वह तो थे एक दूसरे के साथ। वह साथ जिन्हें उन्होंने जीवन पर्यन्त निभाने का वादा किया था और निभाया भी। 

जिंदगी अपनी गति से चल रही थी, पर शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था। सोनू हो गई अल्जाइमर जैसी बीमारी का शिकार, भूलने लगी सब कुछ। यहां तक कि अपने प्यार राजू को भी भूल गई। पर राजू नहीं भूला सोनू को। उसने हार नहीं मानी। 

वह कैसे अपनी सोनू को भूल सकता था। वह हर रोज सोनू को उन दोनों की पहली मुलाकात से उनके बुढापे तक की कहानी सुनाता। शायद इस आस में कि एक दिन सोनू उसे पहचान लेगी। सोनू बड़े चाव से कहानी सुनती और हर रोज कहानी के अंत में जरूर दोनों किरदारों के बारे में जरूर पूछती। 

राजू यह बताने पर कि यह कहानी उन दोनों की कहानी है, उसे सब कुछ याद तो आता लेकिन फिर थोड़ी ही देर में सब कुछ भूल जाती और राजू से यह पूछ बैठती कि आप कौन है? क्या मैं आपको जानती हूं? राजू हर रोज दुखी होता, मन ही मन रोता और ऊपर से हंसता। पर हार कैसे मान सकता था? कैसे प्रयास नहीं करता? 

राजू ने हार नहीं मानी। वह हर रोज सोनू को उन दोनों की कहानी सिर्फ उसे एक पल के लिए सुनाता था जब सोनू उसको पहचान लेती थी, उसे एक पल में वह पूरे दिन की थकान और दुख भूल जाता था और आने वाले दिन के लिए अपने आप को तैयार कर लेता। यह सिलसिला महीना दर महीना चलता रहा। 

राजू दिन के उस एक पल के लिए घंटों सोनू को कहानी सुनाता। सोनू रोज उसके कहानी सुनने का इन्तजार करती। यह जरूर समझती की राजू उसकी कद्र करता है पर उसे पहचान नहीं पाती। सिर्फ उस एक पल को छोड़ कर उस पल में याद आने के बाद रो लेती और राजू से वादा लेती उसे ना छोड़कर जाने का और हमेशा उसका साथ निभाने का। 

इसे समय की मार ही कहिए कि एक दिन अचानक राजू की मौत हो गई। उस सुबह सोनू राजू की राह ही देखती रह गई। 

पर जब उसने राजू के मृत शरीर को देखा तो रोने लगी। इसलिए नहीं कि उसे कहानी कौन सुनाएगा या उसका खयाल कौन रखेगा, पर इसलिए कि उसे उस पल यह याद आ गया कि राजू ही उसका पहला प्यार था। राजू ही उसका पति था। वह इंसान जिससे वह अत्याधिक प्यार करती है और जिसके साथ मरने जीने की कसमें खाई थी, उसे सब याद आ गया वह भी बिना कहानी सुने। 

अपनी आखिरी अलविदा में भी राजू को एक पल का साथ मिला जिसकी ख्वाहिश रखता था। 

कहते हैं ना सच्चा प्यार कभी नहीं मिटता। यही हुआ राजू और सोनू के साथ। राजू की चिता में आग लगने से पहले सोनू की चिता भी उसके पास लग गई। सोनू अपनी बिमारी में यह भी बर्दाश्त नहीं कर पाई कि उसका प्यार उसे इस दुनिया में अकेला छोड़ गया। उसने भी राजू से किया अपना वादा निभाया। जीयू उसके साथ और मरे तो उसके साथ। 

ईश्वर भी सच्चे प्रेम के आगे विवश हो जाते हैं। दोस्तों तो हम तो एक साधारण इंसान मात्र हैं चाहे वह ईश्वरीय प्रेम हो, राधा कृष्ण का या फिर इंसानी प्रेम हो राजू और सोनू का सच्चे प्रेम का सम्मान ईश्वर जरूर करते हैं। 


6. सच्चे प्यार की कदर (Real Love Story in Hindi)

विवेक रश्मी से बहुत प्यार करता था और वह रश्मी से अपने प्यार का इजहार करना चाहता था।

एक दिन विवेक ने रश्मी से अपने प्यार का इजहार किया, लेकिन रश्मी उससे प्यार नहीं करती थी तो उसने विवेक की भावना समझे बिना झट से उसके इजहार को ठुकराते हुए बोली – प्यार और तुमसे बिल्कुल भी नहीं, क्योंकि जितना तुम एक महीने में कमाते हो उतना रुपया तो मैं एक हफ्ते में खर्च कर देती हूं। इसलिए तुम मेरे प्यार के काबिल नहीं हो और तुम्हारे लिए यही अच्छा है कि तुम मुझसे आज के बाद कभी न मिलना। 

यह कहकर रश्मी वहाँ से चली गई। लेकिन विवेक तो उससे सच्चा प्यार करता था। इसलिए वह मन ही मन रश्मी को चाहता रहा और उससे कभी नहीं मिला। 

लगभग 10 साल बाद संयोग से एक मॉल में उनकी मुलाकात हो जाती है। विवेक ने रश्मी से उसका हालचाल पूछा और उसके बीते दिनों के बारे में कुछ बताने के लिए कहा। रश्मी इतराते हुए बोली, मैं बिल्कुल ठीक हूं। मजे में हूं। मेरे पति आज एक बहुत बड़ी कंपनी में नौकरी करते हैं और उनकी सैलरी ₹80,000 प्रति महीना है। हमारे पास बंगला है, गाड़ी है और सभी ऐशो आराम हैं। मेरे पति बहुत होशियार हैं। 

अब तुम अपने बारे में भी बताओ। हां, उस दिन तुमसे शादी न करके मैंने कोई गलती नहीं की, क्योंकि यदि मैं तुमसे शादी कर लेती तो मेरे यह सब सपने सपने ही रह जाते। 

यह सुनकर विवेक की आंखें नम हो गई। इससे पहले विवेक कुछ बोल पाता तभी उस रश्मी का पति उस रश्मी को लेने आ गया और रश्मी के पति की नजर विवेक पर पड़ी। रश्मी के पति ने नमस्कार करते हुए कहा, सर आप यहां। रश्मी ने एकदम से चकित अपने पति की तरफ देखा। 

रश्मी के पति ने कहा कि ये मेरी कंपनी के मालिक हैं। इनका एक साल का 500 करोड़ का टर्नओवर है, लेकिन हमारे सर एक लड़की को चाहते हैं इसलिए आज तक सर ने शादी नहीं की। रश्मी उदास हो गई। 

जिंदगी बस एक पल की मोहताज नहीं होती, बस वक्त उसे मोहताज बना देता है। प्यार को समझें और उसे महत्व दें। उससे खेले नहीं क्योंकि प्यार अनमोल है। 

जो लोग सच्चा प्यार करते हैं वो लोग उस प्यार को आखिरी दम तक निभाते भी हैं। उन्हें अपने प्रेमी से प्यार के अलावा कुछ और पाने की इच्छा नहीं होती है। उनका प्यार और प्रेमी उनके लिए संसार की हर चीज से ज्यादा कीमती होता है। इसलिए प्यार इंसान से करें, उसकी जायदाद से नहीं।


7. बेबसी का प्यार (Long Romantic Story in Hindi)

एक लड़की थी जिसका नाम था राधिका, बहुत ही खूबसूरत। जितनी सुंदर थी उतनी ही ईमानदार। ना किसी से झूठ बोलना, फालतू की बातें करना। बस अपने काम से काम। उसी क्लास में एक लड़का था जिसका नाम था यश। वह मन ही मन राधिका से प्यार करता था। यश अक्सर उसके छोटे मोटे काम कर दिया करता था। बदले में जब राधिका मुस्कुरा कर उसे थैंक्यू कहती थी तो यश की खुशी की सीमा नहीं रहती थी। 

एक बार की बात है दोनों लोग साथ साथ घर जा रहे थे तभी जोरदार बारिश होने लगी। दोनों ने एक पेड़ के नीचे शरण ली। पेड़ बहुत छोटा था। छन छनकर बारिश का पानी पेड़ से नीचे आ रही थी। ऐसे में बारिश से बचने के लिए दोनों एक दूसरे के बेहद करीब आ गए। 

राधिका को इतने करीब पाकर यश अपने जज्बातों पर काबू न कर सका। उसने राधिका को प्रपोज कर दिया। राधिका भी मन ही मन यश को चाहती थी इसलिए वह भी राजी हो गई और इस तरह दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। 

एक बार की बात है। राधिका उसी पेड़ के नीचे यश का इंतजार कर रही थी। यश बहुत देर से आया। उसे देखकर राधिका नाराजगी से बोली – तुम इतनी देर से क्यों आए हो? मेरी तो जान ही निकल गई थी। 

यह सुनकर यश बोला जानेमन, मैं तुमसे दूर कहां गया था? मैं तो तुम्हारे दिल में ही रहता हूं। तुम्हें यकीन न हो तो अपने दिल से पूछ लो। यश की इस प्यारी सी बात को सुनकर राधिका अपना सारा गुस्सा भूल गई और वह दौड़कर यश से लिपट गई। 

एक दिन दोनों उसी पेड़ के नीचे बैठे बातें कर रहे थे। राधिका पेड़ के सहारे बैठी थी और यश उसकी गोद में सर रखकर लेटा हुआ था। तभी राधिका बोली – जानू अब तुम्हारी जुदाई मुझसे बर्दाश्त नहीं होती। तुम्हारे बिना एक पल भी मुझे 100 साल के बराबर लगता है। तुम मुझसे शादी कर लो नहीं तो मैं मर जाऊंगी। 

यश ने झट से राधिका के मुंह पर अपना हाथ रख दिया और बोला मेरी जान, ऐसी बातें मत किया करो। अगर तुम्हें कुछ हो गया तो मैं कैसे जिंदा रहूंगा। फिर वो कुछ सोचता हुआ बोला तुम चिंता मत करो, मैं जल्दी अपने घरवालों से बात करूंगा। 

धीरे धीरे काफी समय बीत गया। एक दिन की बात है। दोनों उसी पेड़ के नीचे बैठे हुए थे। उस समय यश का चेहरा बिल्कुल उतरा हुआ था। राधिका ने पूछा तो वह रुआंसा होकर बोला, जान! मैंने अपने घरवालों को बहुत समझाया, पर वह हमारी शादी के लिए तैयार ही नहीं है। उन्होंने मेरी शादी कहीं और तय कर दी है। 

यह सुनकर राधिका का कलेजा फट पड़ा। उसका मन हुआ कि वो जोर जोर से रोए लेकिन उसने अपने जज्बात पर काबू पा लिया और बोली मैं तुमसे सच्चा प्यार करती हूं। मैं तुम्हें कभी भुला नहीं सकती। 

यश धीरे से बोला वैसे अगर तुम चाहो तो हम हमेशा अच्छे दोस्त बनकर रह सकते हैं। राधिका यह सुनकर जोर जोर से रोने लगी। यश ने उसे समझाया और फिर दोनों रोते रोते अपने अपने घर चले गए। देखते ही देखते यश की शादी का दिन आ गया। यश को यकीन था कि उसकी शादी में उसकी दोस्त जरूर आएगी, पर ऐसा हुआ नहीं। हां, राधिका का भेजा हुआ एक गिफ्ट पैक जरूर मिला। 

यश ने कांपते हाथों से उसे खोला और उसे देखते ही बेहोश हो गया। गिफ्ट पैक में और कुछ नहीं खून से लथपथ राधिका का दिल रखा हुआ था और साथ में थी एक चिट्ठी थी जिसमें लिखा हुआ था अरे पागल! अपना दिल तो ले जा वरना अपनी पत्नी को क्या देगा। 

दोस्तों किसी के लिए मोहब्बत टाइमपास होती है और किसी के लिए जिंदगी से बढ़कर। अगर किसी से मोहब्बत करना तो उसे ताउम्र निभाना भी। क्या पता आपका हाल भी ऐसा ही हो जाए जो उस दिन के बाद ना ही जी सका कहीं मर सका। उसकी सारी जिंदगी पछतावे और अफसोस में घुट घुट कर कटती रही। 


8. प्यार के अधूरे रंग (Sad Love Story in Hindi)

एक फ्लैट की पहली मंजिल में श्वेता नाम की लड़की रहती थी और दूसरी मंजिल में अंकुर नाम का लड़का। श्वेता बी.कॉम फाइनल ईयर में थी और अंकुर इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर में। 

श्वेता और अंकुर दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। दोनों के परिवारों के बीच भी काफी अच्छा रिश्ता था। दोनों परिवार अक्सर एक दूसरे के घर आया जाया करते थे। हर सुख दुख में दोनों के परिवार हमेशा एक दूसरे के लिए खड़े होते। यही वजह थी कि श्वेता और अंकुर के रिश्ते भी काफी अच्छे थे, जो वक्त के साथ साथ प्यार में तब्दील हो गए। 

अंकुर किसी भी चीज के बहाने श्वेता के घर आया जाया करता। तो वहीं श्वेता भी अंकुर की भाभी से मिलने के बहाने उनके घर चली जाती थी। दोनों के प्यार का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा। 

एक दिन श्वेता का बड़ा भाई अंकुर के घर से लौटते हुए सीढ़ियों से उतर रहा था। तभी अचानक उसे एक पेपर नीचे गिरा दिखाई दिया। उसने उसे उठा लिया। लेकिन जब श्वेता के भाई ने उस पेपर को खोला और उसमें जो लिखा था उसे पढ़ा तो उसके होश उड़ गए और वह गुस्से से लाल हो गया। 

घर आते ही सबसे पहले उसने श्वेता और अपने मां बाप को बुलाया। मां के हाथ में पेपर देते हुए उसने श्वेता को चांटा मारा। वह पेपर पर जैसे उसके मां बाप के भी होश उड़ गए। उसके बाद श्वेता की मां ने भी उसे खूब चांटे मारे और बोला कि इसलिए हमने तुम्हें इतनी आजादी दे रखी है। पढ़ाई के बदले यही सब करती है। 

वो पेपर दरअसल एक लैटर था जो अंकुर ने श्वेता को दिया था और आते वक्त श्वेता से सीढ़ियों पर गिर गया। फिर क्या था दोनों परिवारों में भी दूरियां आ गई। लेकिन अंकुर और श्वेता का प्यार कहां कम होने वाला था। दोनों कॉलेज के बहाने अब घर से बाहर मिलने लगे। ऐसा लगता मानो दोनों को ज्यादा आजादी मिल गई हो। दोनों ज्यादा साथ हो गए हो। दोनों कभी रेस रन जाते तो कभी पार्क। धीरे धीरे दोनों में प्यार भी बढ़ा और प्यार के साथ टकरार भी बढ़ी। 

देखते ही देखते अंकुर ने अपनी इंजीनियरिंग पूरी कर ली और अब वो जॉब के लिए शहर से बाहर जाने लगा। अंकुर के चले जाने के नाम से ही श्वेता बहुत अपसेट हो गई थी। लेकिन आखिरकार एक दिन अंकुर चला गया। अंकुर के जाने के बाद दोनों की बातें फोन पर ही हुआ करती थीं। 

वक्त निकालकर अंकुर, श्वेता दोनों एक दूसरे से घंटों बातें करते। लेकिन अब धीरे धीरे श्वेता के पास अंकुर का फोन कम आने लगा। श्वेता फोन करती तो वह कभी रिसीव करके यह बोल देता कि मैं बिजी हूं तो कभी फोन रिसीव ही नहीं करता। ऐसे में श्वेता तो मानो अंकुर के लिए बिल्कुल पागल होने लगी थी। 

अब श्वेता को न खाना खाने का मन करता, न पढ़ने का और न ही उसका किसी और काम में मन लगता। दिन भर बस अंकुर के बारे में सोचती रहती। 

फिर एक बार अंकुर अपने घर आया। श्वेता बहुत खुश थी। सोचा अंकुर तो उससे ज़रूर मिलेगा। लेकिन अंकुर तो ऐसा बर्ताव कर रहा था मानो वह श्वेता को जानता ही न हो। यह देखकर श्वेता टूट गई। उसे समझ आ गया था कि बाहर जाने के बाद अब अंकुर अपनी लाइफ में आगे बढ़ गया है। उसे भूल गया है। हो सकता है अंकुर को कोई और मिल गई हो या फिर वह अपने घरवालों के कहने पर मुझसे रिश्ता नहीं रखना चाहता हो।

श्वेता ने अपने दिल को ये सारी बातें बोलकर समझाने की कोशिश की लेकिन श्वेता अब भी अंकुर को भूल नहीं पाई थी और अब तो श्वेता का मानो प्यार प्यार पर से विश्वास उठ गया था। 

अब श्वेता भी बहुत अच्छी कंपनी में जॉब कर रही है। उसके पास सब कुछ है लेकिन अक्सर रात को यही सोचती है कि सब मिला बस एक तू ही नहीं मिला। अब वह अपनी जिंदगी को जी नहीं रहे, बस काट रही है। 

दोस्तों, प्यार में कौन सच्चा है और कौन झूठा इसका पता आसानी से नहीं चल पाता। बल्कि ज़रूरत है कि अगर आप कभी ऐसी परिस्थिति से गुजरे तो खुद पर भरोसा रखें और जिंदगी में आगे बढ़ें क्योंकि ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है। और इसका सिर्फ एक ही रंग नहीं है। इसके तो हजारों रंग हैं।


9. एक तरफा प्यार (One Sided Love Stories in Hindi)

यह लव स्टोरी युग की है। वह अपनी क्लास की एक लड़की को मन ही मन बहुत प्यार करता था। लेकिन वो यह बात उस लड़की को बताने से डरता था। वो लड़की दिखने में काफी सुंदर तो नहीं थी लेकिन फिर भी वो युग को काफी पसंद थी। वो हमेशा उस लड़की के सपने देखा करता और सारी जिंदगी उसी के साथ बिताना चाहता था। 

एक दिन ये बात उसने अपने दोस्तों को बताई तो उसके दोस्त बोले कि तुम उस लड़की के बारे में इतना क्यों सोचते हो? तुम तो ये भी नहीं जानते कि वो तुम्हें प्यार करती भी है या नहीं। पहले तुम उसे अपनी फीलिंग्स बताओ तभी तो पता चलेगा कि वो तुम्हें लाइक करती भी है या नहीं। 

लेकिन युग अपनी फीलिंग्स बताने से काफी डरता था। उसमें इतनी हिम्मत ही नहीं थी कि वो उस लड़की को अपनी फीलिंग्स के बारे में बता सके। युग को अपने दोस्तों की बात सही लगी और उसने हिम्मत करके अपने मन की बात उस लड़की को बताने का फैसला किया। 

उसने उस लड़की को प्रपोज करने का मन बना लिया। वह लड़की भी ये जानती थी कि उसके दिल में उसके लिए फीलिंग्स है। फिर एक दिन युग ने उस लड़की को प्रपोज कर दिया। लेकिन उस लड़की ने उसे मना कर दिया और युग का दिल टूट गया। उसे बुरा लगा और वो मायूस होकर वहां से चला गया। 

फिर कुछ दिन बाद युग मुस्कुराता हुआ स्कूल आया और उसके दोस्तों ने पूछा कि तुम्हें जिस लड़की से प्यार था उसने तुम्हारा दिल तोड़ा। क्या तुम्हें इस बात से दुख नहीं हुआ?

तो युग बोला मुझे किस बात का दुख होगा? मैंने तो उसे खोया जो मुझे कभी प्यार ही नहीं करती थी। लेकिन उसने तो उसे खोया जिसे वो सच्चे दिल से प्यार करता था, उसकी बहुत केयर करता था। अगर आपकी लाइफ में भी कोई ऐसा इंसान है जो आपको सच्चे दिल से चाहता है और उसे आपकी परवाह है तो उस इंसान का साथ कभी मत छोड़ना। 

अगर आपको किसी से प्यार हो जाए तो उसे अपने दिल की बात जल्दी से बता देनी चाहिए ताकि आपका प्यार एकतरफा न रह जाए। अगर कोई आपके प्यार को एक्सेप्ट न करे तो लाइफ में कभी भी डिप्रेस्ड मत होना क्योंकि इसमें आपका नहीं बल्कि उस इंसान का नुकसान है जो आपके प्यार को समझ ही नहीं पाता। 

अक्सर हमें लोगों की इम्पोर्टेंस तब पता चलती है जब वो हमसे दूर हो जाते हैं। हम लोग अक्सर पैसे और फिजिकल एपीयरेंस को ही प्यार से ऊपर रखते है। हम ये भूल जाते हैं कि इंसान की वैल्यू उसकी शक्ल और पैसे से नहीं बल्कि उसके कैरेक्टर से होती है। 

जो लोग प्यार में शक्ल और पैसा देखते हैं वो दिल से नहीं सिर्फ अपनी जरूरतें पूरा करने के लिए ही प्यार करते हैं। जब तक जरूरतें पूरी होती रहती हैं, प्यार भी रहता है और जिस दिन जरूरतें बदल जाती हैं वो लोग प्यार भी बदल लेते हैं। वो प्यार नहीं होता। 


10. प्यार के आखरी पल (Heart-touching Love Stories in Hindi)

लड़का – आज हमारे प्यार के आखिरी पल हैं। 

लड़की – हां आज में किसी और की हो जाउंगी। आज मेरी मर्जी के बिना कोई मुझसे शादी करके मुझे ले जाएगा। 

लड़का – प्लीज बाबू ऐसे मत बोलो, मैं तुम्हें किसी और का होते हुए नहीं देख सकता। मैं तुम्हारे बिना नहीं रह पाउंगा। 

लड़की – यह तो प्यार करने से पहले सोचना चाहिए था ना। मैंने तो तुमसे पहले ही कहा था कि मेरी फैमिली कभी हमारी शादी के लिए नहीं मानेगी। तुमने जिद की थी रिलेशनशिप में आने की और कहा था कि मैं शादी के लिए ज़िद नहीं करूँगा। जैसा तुम और तुम्हारी फैमिली चाहेगी वैसा ही करूँगा। 

लड़का – मैंने सोचा था सब ठीक हो जाएगा और हमारी शादी के लिए सब मान जाएगे। मैंने हमारी शादी के लिए हर वो कोशिश की जो मुमकिन थी पर किसी को नहीं मना पाया। अब तुम ही बताओ मैं क्या करूँ?

लड़की – अब मैं क्या बताऊं बाबू, तुम्हारी सारी कोशिशें बेकार रहीं। तुम किसी एक को भी हमारी शादी के लिए नहीं मना पाए। 

लड़का – मत करो ना। ऐसा मैं कैसे रहूंगा तुम्हारे बिना? 

लड़की – जैसे मेरे आने से पहले रहते थे अपनी फैमिली के साथ, अपने दोस्तों के साथ, वैसे ही अब आगे भी रहना। 

लड़का – पर अब तुम नहीं होगी मेरे साथ। और मैं तुम्हारे प्यार के बिना कैसे रह पाऊंगा? जब हम किसी से बहुत प्यार करते हैं तो उसकी इतनी आदत हो जाती है कि उसके बिना एक पल नहीं रह जाता और तुम मुझसे तुम्हारे बिना पूरी जिंदगी रहने को बोल रही हो। सोचो कैसे रह पाउँगा मैं उस शख्स के बिना जिसके बिना कुछ अच्छा ही नहीं लगता। 

लड़की – अब मैं कुछ नहीं कर सकती और मैं जानती हूं तुम रह लोगे। 

लड़का रोते हुए – तुम कुछ नहीं जानती। अगर जानती तो मेरे साथ ऐसा कभी नहीं करती। 

लड़की – अगर तुम ऐसे रोते रहोगे तो मेरे लिए यह सबकुछ और मुश्किल हो जाएगा। प्लीज मेरी मजबूरी समझो। मैं तुमको ऐसे नहीं देख पाउंगी। 

लड़का – क्या तुम खुश रह लोगी मेरे बिना?

लड़की – शायद नहीं। पर जीवन किसी के लिए रुक नहीं जाता और देखना तुम भी मेरे बिना रहना सीख लोगे। 

लड़का – कैसे सिख जाउंगा बाबू मुझसे नहीं होगा। 

लड़की – अच्छा एक प्रॉमिस करोगे मुझसे? 

लड़का – हां बोलो। 

लड़की – अगर तुमने मुझसे सच्चा प्यार किया है तो प्रॉमिस करो, तुम कभी नहीं रोओगे। 

लड़का – नहीं, मैं प्रॉमिस नहीं कर सकता। 

लड़की – प्लीज़ मेरे लिए। 

लड़का – अच्छा ठीक है, पर तुम भी कभी नहीं रोओजी। 

लड़की – हां ठीक है और तुम ज्यादा देर रात तक बाहर नहीं रहोगे। 

लड़का – ठीक है। 

लड़की – और अपने मम्मी पापा के अच्छे बेटे बनोगे। उन्हें कभी किसी भी बात के लिए परेशान नहीं करोगे। उनकी सारी बातें मानोगे। 

लड़का – ठीक है। 

लड़की – स्मोकिंग और ड्रिंक बिल्कुल नहीं करोगे। हर तरह के नशों से दूर रहोगे। अपनी जिंदगी में आगे बढ़ोगे और कोई अच्छी लड़की देखकर उससे शादी कर लोगे। 

लड़का – नहीं, यह मुमकिन नहीं है। मैं तुम्हारे बिना किसी और का नहीं हो सकता। अब कभी किसी और से प्यार नहीं कर सकता। मेरी जिंदगी में जो तुम्हारी जगह है, वो मैं किसी को नहीं दे सकता। 

लड़की – देखो तुमने मुझसे प्रॉमिस करा है मेरी बात मानने के लिए और तुमको यह बात माननी पड़ेगी।

लड़का – प्लीज़ बाबू ये ज़िद ना करो मुझसे। मैं नहीं कर सकता। 

लड़की – मेरी खुशी के लिए इतना नहीं कर सकते। 

लड़का – अच्छा ठीक है फिर तुमको भी एक वादा करना पड़ेगा। 

लड़की – क्या बोलो?

लड़का – तुम भी कभी मुझे याद करके खुद को किसी तरह की तकलीफ नहीं दोगी और हमेशा खुश रहोगी। 

लड़की – ठीक है, नहीं करूंगी कुछ भी ऐसा। 

लड़का – एक रिक्वेस्ट थी मेरी। 

लड़की – हां बताओ क्या? 

लड़का – बाबू क्या मैं आपको एक आखिरी बार हग कर सकता हूं? 

लड़की – हां, 

ये उनके पास उनके आखिरी कीमती पल थे और फिर वह कभी नहीं मिले हमें। किसी भी रिलेशनशिप में तभी आना चाहिए जब हम उस रिलेशन को पूरी तरह निभा पाए और अपने साथी का हर परिस्तिथि में साथ दे पाएं।


11. पहला प्यार, अधूरी यादें (Bewafa Sad Love Story in Hindi)

वो हमारा स्कूल का दिन था जब मैं एक सलोनी नाम की लड़की को पसंद किया करता था। उस समय मैं इलेवंथ क्लास में था। सलोनी भी इलेविन क्लास में ही थी। हम दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे। उस समय मैंने अपने दिल की बात उसे बताई और उसने मेरे प्यार को एक्सेप्ट कर लिया। 

हम दोनों एक ही बस में स्कूल जाया करते थे। बस में अक्सर मैं उसकी बगल वाली सीट पर बैठ जाया करता था और वो पल मानो मेरी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल थे। क्लास में लगभग सभी को हमारे प्यार के बारे में पता था। मेरे दोस्त हमेशा सलोनी का नाम लेकर मुझे चिढ़ाया करते थे। 

सलोनी और मैं लंच के समय साथ में खाना खाते थे और खाते हुए अपने फ्यूचर की बातें किया करते थे। रात के वक्त हम दोनों एक दूसरे से ढेर सारी बातें करते। हम दोनों अपने अपने सपने एक दूसरे को बताते और न जाने। बात करते करते हमें कब नींद आ जाती और हम सो जाते थे। 

कभी अगर मेरे घर में कोई रिश्तेदार आ जाता तो रात को मैं छत पर जाकर बातें करता। यहां तक कि मैं ठंड के मौसम में भी छत पर जाकर सलोनी से बातें करता। हम दोनों ने साथ में न जाने क्या क्या सपने देखे थे। शादी, बच्चे यहां तक की हमने अपने बच्चों के नाम भी सोच रखे थे। 

स्कूल तक तो हम दोनों के प्यार की गाडी अच्छी चलती रही लेकिन जैसे ही हम कॉलेज में गए तो धीरे धीरे सबकुछ बदलने लगा। कॉलेज में जाने के बाद सलोनी अब पहले जैसी नहीं रही। वो मुझे अब इग्नोर करने लगी थी। अब ना वो पहले जैसी बातें करती और ना वो मेरी तरफ देखती। 

मैं सोचने लगा ये सलोनी को क्या होता जा रहा है? वो मेरे साथ ऐसा क्यों कर रही है? 

एक दिन सलोनी के एक फ्रेंड से मैंने पूछा। देखो ना सलोनी मुझे पहले जैसी बातें नहीं करती। वो अब मुझे इग्नोर करने लगी है। उसकी फ्रेंड ने मुझे बताया कि सलोनी को मैंने कॉलेज में उदय नाम लड़के से अक्सर बातें करते हुए देखती हूँ। शायद मुझे लगता है सलोनी उसे पसंद करती है। 

उसकी फ्रेंड की बातों को सुनकर मेरी दिल की धड़कनें बढ़ने लगी। मेरा दिमाग कह रहा था कि सलोनी ऐसा कैसे कर सकती है, लेकिन दिल कह रहा था कि नहीं सलोनी ऐसा नहीं कर सकती। मेरी आखें नम होने लगी। मैंने अपने आंसुओं को रोका लेकिन तब भी मैं अंदर से रोने लगा। 

घर जाकर मैंने सलोनी का फेसबुक अकाउंट और इंस्टाग्राम अकाउंट चेक किया। मैंने देखा कि सलोनी ने उदय को फॉलो किया हुआ है और उसके फोटो पर लाइक और दिल वाले इमोजी का कमेंट भी था। मैंने तुरंत सलोनी को कॉल किया लेकिन उसने मेरा कॉल का जवाब ही नहीं दिया। 

अगले दिन जब मैं कॉलेज गया तो सलोनी से मैंने पूछा क्या तुम उदय को पसंद करती हो?

सलोनी – ये तुम क्या बोल रहे हो? 

रजत – मैं जो पूछ रहा हूँ उसका जवाब दो। क्या तुम उदय को पसंद करती हो? हाँ या ना? 

सलोनी – उदय और मैं बस एक अच्छे दोस्त हैं। 

उसने मेरे सवालों का जवाब नहीं दिया। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ। मैं अब काफी चिड़चिड़ा हो गया था और छोटी छोटी बातों पर नाराज हो जाया करता था। सलोनी अब पहले जैसी नहीं रही। वो अब बिल्कुल बदल चुकी थी। 

एक दिन मैंने सलोनी को उदय का हाथ पकड़कर कॉलेज ग्राउंड में बातें करते हुए देखा। मैंने अपने फोन से उन दोनों का फोटो क्लिक कर लिया। कॉलेज खत्म होने के बाद मैं सलोनी के पास गया और उससे कहा सलोनी मुझे तुमसे बात करनी है। सलोनी हाँ बोलो क्या बात करनी है? 

रजत – तुम उदय को लाइक करती हो ना? 

सलोनी – मैंने कल ही तो बोला था। उदय और मैं बस एक अच्छे दोस्त हैं। 

रजत कहता है – सिर्फ अच्छे दोस्त हो ना तो ये फोटो देखो। एक दूसरे का हाथ पकड़कर क्या बातें हो रही थी। सलोनी गुस्से में मुझे देखती है और बोली हाँ मैं उसे लाइक करती हूँ तो मैं उससे क्या प्रॉब्लम है?

रजत – सलोनी हम दोनों स्कूल से एक दूसरे से प्यार करते हैं तो फिर ये बीच में उदय कहाँ से आ गया? 

सलोनी – स्कूल लाइफ, वो हमारा बचपना था, बस वो प्यार नहीं था और हम सिर्फ अच्छे दोस्त थे। अब मैं जा रही हूं भाई।

हम बस अच्छे दोस्त हैं, ये बोलकर सलोनी बड़ी आसानी से चली गई। मेरे और मेरे फीलिंग्स के बारे में उसने एक पल भी नहीं सोचा। मैंने तो उसे सच्चा प्यार किया था। 

उस रात मेरी आंखों में आंसू और नजरों के सामने वो पुरानी यादें साफ दिखाई दे रही थी। उसकी पुरानी फोटो को देखकर मैं बस रोता रहा। मुझे कुछ भी खाने पीने का मन नहीं कर रहा था। मेरी भूख प्यास सब मर चुकी थी। मैं बीमार पड़ गया। मेरी तबीयत पूरी तरह खराब हो गई। मैं कई दिनों तक कॉलेज भी नहीं गया। 

रात को जब मैं उसे ऑनलाइन देखता तो मुझे बहुत तकलीफ होती। जब मैं उसे मैसेज करता तो मेरे मैसेज का जवाब भी नहीं देती। मैं चाहता था कि वो मुझसे बात करे, लेकिन वो मुझे अब भूल गई थी। सलोनी मेरा पहला प्यार थी। वो कहते हैं कि पहले प्यार को आप भुला नहीं पाते हो। मैं भी उसकी यादों को नहीं भुला पाया। 

आज भी जब मैं अपने स्कूल के रास्ते से गुजरता हूं तो वो पुरानी यादें फिर से ताजा होने लगती हैं। अब कॉलेज में दोस्तों से मुस्कुराते हुए मिलता हूं, लेकिन अंदर से आज भी दुखी हूं। अब ये दुख कब कम होगा मुझे नहीं पता। 

जीवन में जैसा हम सोचते हैं, वैसा नहीं होता। आप सच्चे हों इसका यह मतलब नहीं कि सामने वाला भी सच्चा हो। वक्त के साथ इंसान भी बदल जाते हैं। जैसे सलोनी बदल गई। 


तो दोस्तों, आपको यह Romantic Love Story in Hindi कैसी लगी हमें कमेंट में जरूर बताएं क्योंकि आपका विचार हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। और साथ ही इस पोस्ट को आप अपने दोस्तों को भी शेयर कीजियेगा।

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Rakesh Dewangan

मेरा नाम राकेश देवांगन है। Hindi Kahani ब्लॉग वेबसाइट पर मेरा उद्देश्य हिंदी में प्रेरक, मजेदार, और नैतिक कहानियों के माध्यम से पाठकों को मनोरंजन और शिक्षित करना है। मेरी कोशिश है कि मैं उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करूँ जो लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए। आपके समर्थन से, मैं अपने इस सफर को और भी रोमांचक और सफल बनाने की उम्मीद करता हूँ।

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