11 Short Horror Story For Kids In Hindi: भूत की डरावनी कहानी

बच्चों की दुनिया में कहानियाँ एक खास स्थान रखती हैं, खासकर जब वे डरावनी हों क्योंकि ये कहानियाँ उन्हे रोमांच का अनुभव कराती है। और आज के इस ब्लॉग पोस्ट Short Horror Story for Kids in Hindi में हम ऐसी ही कई भयानक कहानियों का संग्रह प्रस्तुत कर रहे हैं, जो बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई हैं।

इन कहानियों में भयानक नन, शापित घर, पिज़्ज़ा बॉय, शापित गुड़िया, रहस्यमय यात्री, और आदमखोर जैसे जबर्दस्त भूत, प्रेत की डरावनी कहानियाँ सामिल है। हर कहानी अपने आप में एक अनोखा डर और रोमांच लेकर आती है, जो बच्चों को सिहराने के साथ-साथ उनकी कल्पनाओं को भी उड़ान देगी। 

तो आइए, Short Ghost Stories for Kids in Hindi ब्लॉग पोस्ट के डरावने कहानियों के सफर का हिस्सा बनें और जानें कि इन कहानियों में कौन-कौन से रहस्य छिपे हैं।

11 Short Horror Story for Kids in Hindi: हॉरर स्टोरी इन हिंदी

  1. भयानक नन – हॉरर स्टोरी इन हिंदी (Hindi Horror Story for Kids)
  2. डायन का साया हॉरर स्टोरी (Real Horror Story in Hindi)
  3. शापित घर – डरावनी कहानी हिंदी में (Bhoot ki Story in Hindi)
  4. पिज़्ज़ा बॉय की खौफनाक हॉरर स्टोरी (Short Horror Story for Kids in Hindi)
  5. लॉकडाउन कहानी (Horror Short Story in Hindi for Students)
  6. शापित गुड़िया का साया (Horror Story for Kids in Hindi)
  7. आदमखोर – डरावनी कहानी हिंदी में  (Best Short Horror Story in Hindi)
  8. डरावनी हाइवे हॉरर स्टोरी (Horror Stories for Kids in Hindi)
  9. रहस्यमय यात्री हॉरर स्टोरी (Ghost Story for Kids in Hindi)
  10. डरावना बंगला की भूतिया कहानी (Bhoot Story in Hindi for Kids)
  11. डर का साया – हॉरर स्टोरी (Bhoot Wali Kahani in Hindi)

11 Short Horror Story for Kids in Hindi: भूत की डरावनी कहानी हिंदी में

तो दोस्तों, यह रहे वो 11 भूत की कहानियाँ हिंदी में (Horro Stories in Hindi for Kids) जिन्हे पढ़कर आपको मजा आएगा और आप इन डरावनी कहानियों को अपने शरारती बच्चों को जरूर सुनायेंगे।

1. भयानक नन – हॉरर स्टोरी इन हिंदी (Hindi Horror Story for Kids)

भयानक नन - हॉरर स्टोरी इन हिंदी (Hindi Horror Story for Kids)

एक बार की बात है एक गांव में एक बुरी नन रहती थी। वह बच्चों के साथ अच्छा नहीं व्यवहार करती थी और उन्हें डराती भी थी। उसकी बुराई के कारण लोग उसे भयानक नन कहकर डरते थे। 

एक रोज वह एक छोटे बच्चे को गुमराह करके जंगल में ले गई। बच्चे को बचाने के लिए गांववालों ने जंगल में जाकर उसे मार डाला। लेकिन उसकी आत्मा अब भी उस गांव में घूमती है, डराती है और बच्चों को चुनौती देती है। 

गांव के लोगों ने भयानक नन के विरुद्ध मिलकर एक योजना बनाई। उन्होंने गांव में एक नया स्कूल खोला और एक प्रेमी और सहानुभूति नन को उसका प्रधान निर्देशक बनाया। यह स्कूल एक स्थान बन गया जहां बच्चे सीखने के साथ साथ नैतिकता और सहानुभूति के मूल्यों को भी सीखते थे। 

जब भयानक नन की आत्मा इस स्कूल में पहुंची तो वह धीरे धीरे प्रेमी और सहानुभूति के गुणों में लिप्त हो गई। उसने अपनी गलतियों का एहसास किया और उसने बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करना शुरू किया। 

धीरे धीरे उसकी भयानकता कम हो गई और उसका दिल भी कदमा गुदगुदाने लगा। बच्चे और गांववाले उसे अब प्रेमी नन कहते थे। 

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर व्यक्ति में कुछ अच्छाई होती है और जब हम उसमें ध्यान देते हैं तो हम अच्छाई को बढ़ावा दे सकते हैं।


2. डायन का साया हॉरर स्टोरी (Real Horror Story in Hindi)

डायन का साया हॉरर स्टोरी (Real Horror Story in Hindi)

दोस्तो, यह कहानी है सन् 2003 में, यूपी (Uttarpradesh) के एक छोटे से गांव आजमगढ़ की, जहां पर एक आदमी जिसका नाम किशोर होता है उसकी हाल ही में शादी हुई होती है। शुरू में तो सब कुछ ठीक चल रहा होता है। फिर कुछ टाइम बाद उनको पता चलता है कि उसको और उसकी पत्नी को एक बच्चा होने वाला है। 

बच्चे की खबर सुनकर परिवार में सब लोग बहुत खुश थे। बस फिर एक दिन उस गांव में एक बहुत पुराना मंदिर होता है तो एक बार किशोर की पत्नी अपने बच्चे की पूजा के लिए उस मंदिर में जाती है। मंदिर में पूजा करने के बाद वह देखती है कि उस मंदिर के बाहर एक बहुत बड़ा सा पेड़ था। 

गांव वाले का मानना था कि यह पेड़ शापित है और इसकी पूजा कभी भी नहीं करनी चाहिए। किशोर की पत्नी उस गांव में नयी थी तो उसको इन सब बातों का पता नहीं था और क्योंकि वह पेड़ मंदिर के पास था तो वह उस पेड़ की पूजा कर देती है और उसके बाद घर लौट जाती है। 

पर इसके बाद जो होने वाला था वह बहुत भयानक था। 

घर लौटने के बाद उसको अपने पेट में हल्का सा दर्द महसूस होता है तो वह डॉक्टर के पास जाती है। फिर डॉक्टर अपनी पूरी जांच पड़ताल करता है और टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर यह बताता है कि आपका बच्चा आपके पेट में मर चुका है और अब जितनी जल्दी हो इसकी सफाई करवा लें। 

किशोर की पत्नी की तो जैसे दुनिया ही उजड़ गई और उसे इन सब बातों पर यकीन नहीं होता और वह उस डॉक्टर के पास चले जाते हैं। दूसरे डॉक्टर के पास से सारे टेस्ट कराने के बाद दूसरा डॉक्टर भी वही चीज बोलता है कि आपका बच्चा मर चुका है और वह जितनी जल्दी हो इसकी सफाई करवा लेनी चाहिए। 

जिसके बाद वह लोग कई डॉक्टर, कई वेदों के पास गए। सबने वही चीज बोली तो वह लोग निराश होकर घर लौट गए। कुछ समय बाद उसी गांव में एक बूढ़ी दादी रहती थी तो वह एक दिन किशोर की पत्नी को देखने आई हुई होती है तो वह देखते ही समझ जाती है कि यह कोई मेडिकल केस नहीं बल्कि किशोर के बच्चे पर तो डायन का साया है। 

तो वह फिर किशोर की पत्नी को पूछती है कि क्या तुमने मंदिर के पास वाले पेड़ पर पूजा की थी तो उसकी पत्नी बताती है हां, मैंने बच्चे के लिए उस पेड़ पर पूजा की थी। फिर वह दादी मां उसे सारी सच्चाई बताती है कि तुम्हारे बच्चे पर डायन का साया है और तुम चिंता मत करो, तुम्हारे इस बच्चे को मैं जन्म दिलवाएगी। 

पर जैसा मैं कहती हूं वैसा करती जाओ। फिर वह दादी मां उसे बताती है कि अगले नौ महीने तक तुम इस घर से बाहर नहीं निकलोगे और अगले ही दिन वह एक बहुत बड़ा पूजा पाठ कराते हैं, जिसमें वह एक बकरी की बलि चढ़ाते हैं, उस बकरी के खून से एक ताबीज बनाती है, जिसे वह किशोर की पत्नी के गले में डाल देती है और वह बोलती है कि जब तक मैं ना कहूं इस ताबीज को मत खोलना। 

इसी तरह नौ महीने पूजा पाठ करने के बाद उस दादी मां ने किशोर के बच्चे को सुरक्षित रूप से जन्म दिलवा दिया और यह सारा चमत्कार देखकर डॉक्टर्स भी हैरान थे। उनके पास भी कोई जवाब नहीं था। जिस बच्चे को डॉक्टर्स ने मरा हुआ बता दिया था, वह इतने सफलतापूर्वक जन्म कैसे ले लिया? 

दोस्तो, यह माना जाता है कि आज भी वह पेड़ उसी गांव में है और आज भी लोग उस पेड़ की पूजा करने से डरते हैं। 


3. शापित घर – डरावनी कहानी हिंदी में (Bhoot ki Story in Hindi)

शापित घर - डरावनी कहानी हिंदी में (Bhoot ki Story in Hindi)

बहादुरपुर नाम के शहर में एक बेहद पुराना घर था। उस घर को सब लोग भूतिया घर और अशुभ कहते थे क्योंकि जो भी वहां रहने आते थे उनके साथ कोई न कोई हादसा हो जाता है। 

एक बार विजय नाम का आदमी उस घर को सबसे सस्ते दाम में खरीद लेता है और अपने बेटे मोनू के साथ सारा सामान लेकर वहां रहने आ जाता है। घर में शिफ्ट होने के एक दो दिन में ही विजय को अपने आसपास अजीबो गरीब घटनाएं होने का अहसास होने लगता है। 

वह यह सब नजर अंदाज करता है, लेकिन जब उसे घर में किसी होने का अहसास होने लगा तो वह सतर्क हो गया। 

एक दिन मोनू दौड़ता हुआ विजय के पास गया और उसे कहने लगा कि वाशरूम का पानी अचानक बंद हो गया और उसने कहा कि वहां एक सफेद कपड़े में एक औरत को देखा। 

इतना कहते कहते मोनू अचानक चुप हो गया और विजय की ओर उंगली दिखाते हुए कहने लगा, पापा आपके पीछे कोई औरत खड़ी है। 

इतना कहते ही मोनू चीखने लगा और विजय मोनू को गोद में लेकर घर से बाहर निकल गया। उस दिन के बाद दोनों घर में नजर नहीं आए और कहीं अलग रहने लगे। 


4. पिज़्ज़ा बॉय की खौफनाक हॉरर स्टोरी (Short Horror Story for Kids in Hindi)

पिज़्ज़ा बॉय की खौफनाक हॉरर स्टोरी (Short Horror Story for Kids in Hindi)

एक रात आर्यन के माता पिता शहर से बाहर थे और वह अपने घर में अकेला था। तभी उसको मोबाइल के रिंग होने की आवाज आती है।

आर्यन – हैलो पापा, आप कहां हैं? अभी तक घर नहीं आए।

आर्यन के पापा – सॉरी बेटा, आज आने में थोड़ा लेट हो जायेगा। हमारी कार खराब हो गयी है और आसपास कोई मैकेनिक भी नहीं है। तुम घर के सारे दरवाजे लॉक कर देना। और हां, अपने लिए कुछ खाने के लिए ऑर्डर कर देना और किसी के लिये गेट मत खोलना। अपना ऑर्डर विंडो से रिसीव कर लेना या फिर उसको बाहर रखे जाने को बोल देना। 

आर्यन – ठीक है पापा, जब आप आओ तो कॉल करना। 

अब आर्यन अपने लिए एक पिज्जा आर्डर करता है। आर्यन फोन करता है और पिज्जा आर्डर करता है।

पिज़्ज़ा शॉप वाला – ओके सर, आपका ऑर्डर 20 से 30 मिनट में डिलीवर हो जाएगा।

पाँच मिनट बाद आर्यन के दरवाजे को कोई खटखटा रहा था। आर्यन सोचता है इस समय कौन होगा? वह जाकर दरवाजे पर देखता है लेकिन बाहर रौशनी कम होने के कारण वह आदमी ठीक से दिख नहीं रहा था और उसका चेहरा भी ढका हुआ था।

पिज़्ज़ा बॉय – मैं पिज्जा लेकर आया हूँ आपका ऑर्डर था इसलिए ज्यादा टाइम नहीं लूंगा। आप दरवाजा खोलो और अपना ऑर्डर ले लो।

आर्यन – नही आप आर्यन खिडकी से दे दीजिए।

पिज़्ज़ा बॉय – खिडकी से क्योंकि आप घर में अकेले हो।

आर्यन – हां, नहीं, आपको इससे क्या मतलब? पिज्जा दीजिए और जाइए यहां से।

आर्यन पिज्जा बॉय से आर्डर लेकर चला जाता है। लेकिन आर्यन उसकी बातों से काफी ज्यादा डर गया था। आर्यन जाकर पिज्जा का बॉक्स खोलता है, लेकिन उसमें पिज्जा नहीं था। उसमें खून से लिखा हुआ मैसेज था – तुम अभी अकेली नहीं हो।

यह देखकर आर्यन घबरा गया। उसका दिल जोर से धड़कने लगा। तभी आर्यन पिज्जा शॉप पर कॉल करता है।

आर्यन – यह क्या मजाक है? मैंने आपको एक पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक का ऑर्डर दिया था। लेकिन आप ये क्या भेज रहे हो? 

पिज़्ज़ा शॉप वाला – सॉरी सर, मुझे लगता है आपको कोई गलतफहमी हुई है। आपका ऑर्डर तो अभी यहां से निकला भी नहीं है।

आर्यन कॉल कट कर देता है। यह सुनकर वह काफी ज्यादा डर गया था। लेकिन तभी उसको फिर से दरवाजा खटकने की आवाज आती है। आर्यन डरते हुए धीमे कदमों के साथ दरवाजे की तरफ जाता है।

पिज़्ज़ा बॉय – पिज्जा, आपका ऑर्डर था।

आर्यन खिडकी से अपना पिज्जा लेता है।

पिज़्ज़ा बॉय -खिडकी से पिज्जा क्यों ले रहे हो? क्या आप अकेले हो?

यह सुनते ही आर्यन वहां से पिज्जा लेकर भाग जाता है और फिर कमरे में जाकर डरते हुए पिज्जा का बॉक्स खोलता है। लेकिन इस बार भी बॉक्स में पिज्जा नहीं था। उसमें फिर से एक मैसेज था – मैंने कहा था तुम अकेले नहीं हो।

यह देखते ही आर्यन डर से कांपने लगा था और तभी उसने महसूस किया कि कोई उसकी पीठ पर बैठा है। उसने झटके से मुड़कर देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था। अब आर्यन की जान उसके हलक में आ गई थी। आर्यन बुरी तरह से घबरा गया था। उसके हाथ पैर कांपने लगे थे। 

आर्यन ने जैसे तैसे खुद को संभाला ही था, लेकिन तभी उसको दरवाजा खटकने की आवाज सुनाई दी। लेकिन अब आर्यन में बिल्कुल हिम्मत नहीं थी कि वह दरवाजा तक जाए। आर्यन अपनी जान बचाने के लिए घर की दीवार कूदकर बाहर निकल जाता है। 

लेकिन तभी पिज्जा बॉय उसको देख लेता है और कहता है – आपका पिज्जा। प्लीज अपना ऑर्डर रिसीव कीजिए सर। सर, सर आप कहां जा रहे हैं?

लेकिन आर्यन रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था और तभी आर्यन सामने से आ रही एक कार से टकराने ही वाला था पर कार रुक जाती है और आर्यन वही बेहोश होकर गिर जाता है। उस कार में आर्यन के पापा थे।

आर्यन के पापा – अरे आर्यन बेटा तुम यहां कैसे?

आर्यन के पापा उसको घर ले जाते हैं। आर्यन अपने पापा को सारी बात बताता है और फिर उस रात के बाद आर्यन कभी घर पर अकेला नहीं रुकता है।


5. लॉकडाउन कहानी (Horror Short Story in Hindi for Students)

लॉकडाउन कहानी (Horror Short Story in Hindi for Students)

यह कहानी उस समय की है जब जॉनथन एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ा करता था। वो करीब 13 साल का था जब उसके साथ ये किस्सा घटा। एक दिन जब वो बाकी बच्चों के साथ क्लास में बैठकर पढ़ रहा था तभी अचानक से जूनियर टीचर भागते हुए उनके क्लासरूम में आये और प्रोफेसर के कान में कुछ कहकर वहां से चली गई। 

प्रोफेसर ने अपना सेशन उस दिन के लिए वहीं खत्म कर दिया और सभी बच्चों को बताया कि स्कूल के पास वाली बिल्डिंग में कुछ ऐसा हुआ है जिसकी वजह से पूरे स्कूल का लॉकडाउन कर दिया गया है और किसी भी स्टूडेंट को अपने हॉस्टल या स्कूल से बाहर निकलना अलाउड नहीं है। 

असल में स्कूल के पास वाली बिल्डिंग में एक पागल सीरियल किलर ने कुछ लोगों का मर्डर कर दिया था और वह स्कूल के आसपास ही घूम रहा था। इसलिए जब तक पुलिस उस सीरियल किलर को नहीं ढूंढ लेती, तब तक पुलिस ने स्कूल को बंद करवा दिया था। 

उस सीरियल किलर ने जिन भी लोगों को मारा था, उनका दाहिना हाथ उनकी बॉडी से गायब था। ये सारी बातें स्कूल के गार्ड ने एक सीनियर को बताई, जिसने पूरे स्कूल में इस बात का ढिंढोरा पीट दिया। यह बात जानकर स्कूल के सभी बच्चे बेहद डरे हुए थे। 

इन सबके बीच जॉनथन के साथ एक और अजीबो गरीब चीज हो रही थी। जबसे स्कूल लॉकडाउन शुरू हुआ था उसे रोज रात अचानक अपने हॉस्टल के बैकयार्ड से किसी आदमी के जोरों से चीखने की आवाज आती। ताज्जुब की बात यह थी कि आवाज उसके अलावा और कोई नहीं सुन पा रहा था। 

एक रात जब वह सो रहा था, उसे फिर से वही चीख सुनाई दी। इस बार वह हिम्मत करके हॉस्टल के बैकयार्ड में जा पहुंचा। उसने देखा कि बैकयार्ड की घास पर लाल खून पड़ा था। उसने उस खून को फॉलो किया तो उसे दिखा कि पीछे गार्ड के क्वार्टर के पास एक बड़ी सी बोरी पड़ी है, जिसमें से खून की बूंदें टपक रही हैं। 

यह देखकर जॉनथन अपने हॉस्टल वार्डन को यह सब बताने के लिए उसके रूम की तरफ जाने लगा। लेकिन तभी उसे ऐसा लगा जैसे उस बोरी में से कोई आवाज आई है। वह पीछे मुड़ा और जो नजारा उसने देखा उसे देखकर वह सुन्न पड़ गया। उस बोरी में से एक कटा हुआ हाथ निकलकर जमीन में रेंगता हुआ उसके पास आ रहा था। 

13 साल का जॉनथन यह देखकर बेहद घबरा गया और चीखते हुए वहां से भागा। कुछ ही देर में उसे ऐसा लगा कि जैसे वह बोरी उन सभी कटे हुए हाथों से भरी है जिनको उस सीरियल किलर ने मारा था और सभी हाथ रेंगते हुए उसके पीछे आ रहे हैं। 

जॉनसन जोर जोर से मदद के लिए चीखने लगा। उसकी चीख सुनकर हॉस्टल वार्डन और बाकी लोग भी उठकर वह बोरी देखकर स्कूल प्रिंसिपल ने तुरंत पुलिस को फोन किया और वहां बुला लिया। स्कूल टीचर्स सभी बच्चों को एक हॉल में ले गए और उन्हें अंदर से लॉक कर दिया। 

जॉनथन अब भी जोर जोर से रो रहा था। कुछ ही देर में पुलिस वहां पहुंच गई और उन्होंने उस सीरियल किलर को ढूंढ निकाला जो स्कूल में ही एक क्लासरूम में छुपा हुआ था। जॉनथन ने उस रात जो महसूस किया वह सच था या नहीं यह तो नहीं कह सकते, लेकिन वह बोली, सच में उन्हीं सब लोगों के कटे हुए हाथों से भरी थी, जिन्हें। सीरियल किलर ने मारा था। 

उस दिन के बाद से स्कूल का रुटीन तो नॉर्मल हो गया, लेकिन जॉनथन को आज भी वो खौफनाक सपना आता है जहां एक कटा हुआ हाथ रेंगते हुए उसके पास आ रहा है। 


6. शापित गुड़िया का साया (Horror Story for Kids in Hindi)

शापित गुड़िया का साया (Horror Story for Kids in Hindi)

अस्पताल में काम करने वाला राकेश रोज की तरह अपने स्कूटर पर ऑफिस से लौट रहा था, लेकिन आज उसको ऑफिस से निकलने में काफी लेट हो गया। बेचारी झुमकी (राकेश की बेटी) घर पर अकेली हुई और सुष्मिता (राकेश की बीवी) भी मायके चली गई है।

कुछ दूर चलने के बाद राकेश के सामने एक बिल्ली आ जाती है और बिल्ली को देखकर राकेश अपना स्कूटर रोक लेता है। बिल्ली के जाने के बाद राकेश चलने के लिए अपना स्कूटर स्टार्ट करता है लेकिन स्कूटर स्टार्ट नहीं होता है। तभी राकेश की नजर जमीन पर पडी एक डॉल (गुड़िया) पर जाती है। राकेश उस डॉल को उठा लेता है और अपने साथ ले जाता है। 

लेकिन राकेश यह नहीं जानता था कि वो अपने साथ क्या ले जा रहा है वो एक शापित डॉल (गुड़िया) थी।

घर पहुचने के बाद राकेश – ये लो मैं झुमकी बेटा मैं तुम्हारे लिए गुड़िया लाया हूं।

झूमकी डॉल को देखकर खुश हो जाती है और उसे अपने कमरे में ले जाकर रख देती है। लेकिन कुछ देर बाद झुमकी देखती है वो डॉल हवा में थी और हंस रही थी। ये देख कर झुमकी की हालत खराब हो जाती है। झुमकी का पूरा शरीर लाल हो गया था। डर के कारण झुमकी की आवाज तक नहीं निकल रही थी। 

तभी राकेश झुमकी के कमरे में आता है और तभी डॉल जमीन पर गिर जाती है। 

राकेश – क्या हुआ झुमकी बेटा तुम इतना डर क्यों रही हो?

राकेश को देखकर झुमकी की जान में जान आती है। राकेश झुमकी को समझाता है और उसको सुला देता है। फिर राकेश डॉल को लेकर चला जाता है और उसको अलमारी में रखकर लॉक कर देता है और फिर झुमकी के कमरे से चला जाता है। 

बाद में जैसे ही राकेश झुमकी के कमरे में वापिस जाता है वो देखकर हैरान हो जाता है क्योंकि वो डॉल झुमकी के बेड पर थी।

राकेश – ये गुड़िया यहाँ कैसे? इसे तो मैंने थोडी देर पहले अलमारी में रखा था।

अब राकेश को सारा माजरा समझ आने लगा था। मुझे लगता है शायद इस गुड़िया में कुछ गड़बड़ है। इसको वापस मैं वही रख आता हूं जहाँ मुझे ये मिली थी।

राकेश उस डॉल को उठाकर वापस वही ले जाता है जहां से उसको वो डॉल मिली थी। राकेश उस डॉल को फेंक तो आता है लेकिन वो ये नहीं जानता था कि उस शापित डॉल का साया झुमकी पर आ चुका था। 

अगली सुबह राकेश देखता है कि झुमकी की आंखें लाल हो रही थी और उसका शरीर गर्म हो रहा था। अब झुमकी ना तो कुछ बोल रही थी और ना ही कुछ खा रही थी। 

राकेश – आज ऑफिस से छुट्टी ले लेता हूं। झुमकी की तबियत ज्यादा खराब हो रही है।

राकेश झुमकी को दवाई खिलाता है लेकिन उससे झुमकी को कोई फायदा नहीं होता है बल्कि उसकी तबियत और खराब हो जाती है।

राकेश – लगता है दवाइयों से कुछ नहीं हुआ। ये सब उस खुडिय़ा के कारण हो रहा है।

अब राकेश झुमकी को एक तांत्रिक के पास लेकर जाता है और उसको सारी बात बताता है। तांत्रिक को सब समझ आ जाता है। 

तांत्रिक बाबा – वो एक शापित गुड़िया थी। अब उसका साया तुम्हारी बेटी पर आ गया है। अगर जल्दी इस साया को नहीं हटाया गया तो ये तुम्हारी बेटी के शरीर पर कब्जा कर लेगी। 

राकेश – कुछ करिये बाबा, मेरी बेटी को बचा लो। 

तांत्रिक बाबा – बस एक पहर का ही समय बचा है। जाओ जाकर उस गुड़िया को जल्दी यहाँ लेकर आओ तभी इसका साया हटाया जा सकता है।

राकेश उस डॉल को ढूंढने निकल जाता है। बहुत देर ढूंढने के बादआ खिर राकेश को वो डॉल मिल ही जाती है। फिर राकेश उस डॉल को जल्दी से तांत्रिक के पास लेकर आता है।

राकेश – बाबा में गुड़िया ले आया हूं। 

तांत्रिक बाबा – जब मेरे मंत्र खत्म हो जाए, तो तुम इस गुड़िया को हवनकुंड में डाल देना।

तांत्रिक कुछ मंत्र जपने लगता है, लेकिन तभी झुमकी तांत्रिक पर हमला कर देती है और झुमकी राकेश के हाथ से डॉल छीन लेती है। तभी तांत्रिक झुमकी को रोकने की कोशिश करता है, लेकिन झुमकी तांत्रिक का हाथ काट देती है। तभी राकेश जल्दी से झुमकी के हाथ से डॉल छीनकर उसे हवनकुंड में फेंक देता है और झुमकी बेहोश होकर गिर जाती है।

राकेश – झुमकी बेटा तुम ठीक हो। बाबा हमें जल्दी हॉस्पिटल चलना चाहिए। 

तांत्रिक बाबा – मैं ठीक हूं। तुम लोग अपने घर जाओ बेटा।

इस तरह तांत्रिक और राकेश दोनो मिलकर झुमकी को तो बचा लेते हैं, लेकिन ये सब में तांत्रिक अपना हाथ खो देता है।


7. आदमखोर – डरावनी कहानी हिंदी में  (Best Short Horror Story in Hindi)

आदमखोर - डरावनी कहानी हिंदी में  (Best Short Horror Story in Hindi)

पहाड़ों से घिरी घाटी में बसा गांव चंद्रपुर कभी अपनी शांति के लिए मशहूर था। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से दहशत का साया गांव पर छाया हुआ था। अचानक लापता होने वाले लोगों और जंगल से आनेवाली खौफनाक चीखों ने सबको खामोश कर दिया था। बूढ़े कहने लगे यह आदमखोर की वापसी है। 

गांव के लोग आदमखोर की कहानियों से बड़े हुए थे। एक भयानक जीव जो अमावस्या की रात को काले जंगल से निकलता और गांव वालों को अपना शिकार बनाता। 

एक शाम युवा मोहन अपने खेतों की रखवाली कर रहा था। सूरज ढल चुका था और अंधेरा तेजी से फैल रहा था। अचानक उसे दूर झाडिय़ों में हलचल सुनाई दी। उसने मिट्टी का दीया जलाया, जिसकी रोशनी में एक भयानक छाया दिखाई दी। वह छाया विशाल थी। उसकी आंखें जलते हुए अंगारों की तरह चमक रही थी और उसके दांत नुकीले खंजर जैसे लग रहे थे। 

डर के मारे मोहन हिल भी न सका। जीव उसकी तरफ तेजी से बढ़ा। मोहन ने वहीं से भागने की कोशिश की, लेकिन अंधेरे में रास्ता भटक गया। वह ठोकर खाकर गिरा और चीख उठा। चीख सुनकर जीव और तेज हो गया। मोहन को लगा अब उसकी मौत निश्चित है। 

तभी उसे याद आया दादी मां की बताई एक पुरानी कहावत। अंधेरे का साया आदमखोर को डराता है। बिना समय गवाएं मोहन ने अपने दीये को बुझा दिया। अचानक अंधेरे में जीव रुक गया। उसकी चमकती आंखें भी गायब हो गई।

मोहन ने हिम्मत जुटाकर अंधेरे में ही भागना शुरू कर दिया। वह ठोकर खाता हुआ गिरता हुआ किसी तरह गांव तक पहुंच गया। गांव वालों ने उसे घेर लिया। उसकी हालत देखकर सब समझ गए। 

उस रात के बाद गांववालों ने फैसला किया कि अमावस्या की रात को सभी घरों में अंधेरा रखेंगे। उन्होंने मिट्टी के दीये जलाने बंद कर दिए और रात भर अलाव जलाकर रखा। 

कहा जाता है उस रात के बाद आदमखोर कभी गांव में वापस नहीं आया। अंधेरे का साया ही उसकी मौत का कारण बना। यह कहानी गांववालों को याद दिलाती है कि कभी कभी अंधेरा ही सुरक्षा का दूसरा रूप होता है।


8. डरावनी हाइवे हॉरर स्टोरी (Horror Stories for Kids in Hindi)

डरावनी हाइवे हॉरर स्टोरी (Horror Stories for Kids in Hindi)

रोहन और उसकी गर्लफ्रेंड कॉलेज फ्रेंड की बर्थडे पार्टी से वापस आ रहे थे। उसके घर से निकलते निकलते उन्हे काफी देर हो गया था। उसका फार्म हाउस जहां पर पार्टी हो रही थी, उस शहर के बाहरी इलाके में था जो अक्सर सुनसान रहता था। उस रात भी वह हाईवे वैसा ही सुनसान था। उनके अलावा कोई भी गाड़ी उस रास्ते पर नहीं थी। 

रोहन कार चला रहा था और उसकी गर्लफ्रेंड शिनॉय उसके बगल में बैठी थी। उस रात की खामोशी से डर न लगे इसलिए रोहन ने गाड़ी में गाना चला रखा था। पर फिर भी रोहन को बहुत जोरों से नींद आ रही थी। बार बार उसकी आंखें झपक रहीं थी और उससे कार नहीं चलाई जा रही थी। 

रोहन को शिनॉय ने किसी तरह से जगाकर रखा था। वो बार बार रोहन से कुछ न कुछ बातें कर रही थी लेकिन उसका ध्यान उस रोड के अंधेरे पर ही था। अचानक रोहन को झपकी आ गयी और जैसे ही उसने अपनी आंखें खोली, उसने देखा कि गाड़ी के सामने एक लड़की आ गई है। 

रोहन को होश आता उससे पहले वह उसे कुचल चुका था। जब उसकी नजर रोड पर गई तब उसने देखा कि एक लड़की की आधी कटी हुई बॉडी वहां पर पड़ी है। उसका सिर्फ सर और ऊपर का शरीर वहां था, बाकी सब कुछ गायब था। उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी गाड़ी ने उसे दो हिस्सों में बांट दिया है। 

शिनॉय को उस रोड पर कुछ भी नहीं दिख रहा था। रोहन बहुत घबरा गया था और उसने वापस से कार स्टार्ट की और जल्दी से अपने घर की ओर निकल गया। अब उसकी नींद पूरी तरह से उड़ चुकी थी। थोड़ा आगे जाकर जब उसकी नजर गाड़ी के रियर व्यू मिरर पर पड़ी तो उसके होश उड़ गए। 

उसने देखा कि उस लड़की की ऊपर की आधी कटी हुई बॉडी उसके कार के पीछे पीछे आ रही है और फिर कुछ ही पल में वह एकदम से गायब भी हो गई। शिनॉय यह सब नहीं देख पा रही थी। 

घबराहट के मारे रोहन भी उसे कुछ नहीं बोला। वो हाईवे खत्म होने ही वाला था कि रोहन ने उस लड़की का निचला हिस्सा उसके दोनों पैर उसके गाड़ी के सामने से गुजरते हुए दिखे। उसने हिम्मत की और गाड़ी नहीं रोकी और उन पैरों के आर पार हो गया। तभी उसकी कार के शीशे पर उस लड़की की ऊपर की बॉडी आकर गिरी। 

रोहन चीख उठा और कार का कंट्रोल खो गया। जिससे उसकी कार असंतुलन होकर पलट गई। शिनॉय दूर जाकर रोड पर गिरी। तभी उस हाईवे पर बहुत तेज स्पीड में एक ट्रक गुजर रहा था। इससे पहले कि रोहन उसे बचा पाता, वह ट्रक शिनॉय को दो हिस्सों में कुचलकर चला गया। 

रोहन बहुत जोर से चीखा, सुनो, सुनो और चीखते चीखते बेहोश हो गया। 

दो दिन बाद हॉस्पिटल में रोहन की आंख खुली और उसे डॉक्टर्स ने बताया कि वह शिनॉय को बचा नहीं पाए। जब रोहन ने अपने दोस्त को पूरा किस्सा बताया तो उसने टेके टेके की खौफनाक कहानी सुनाई। 

उस दिन से हर रात रोहन को एक सपना आता है जहां उसे ऐसा लगता है कि कोई उसके पीछे रेंगते हुए आ रहा है और उसे आकर पूछ रहा है कि उसके पैर कहां हैं। उसे नहीं पता कि वह शिनॉय है या टेके टेके। पर उस सवाल को सुनकर रोज रात रोहन की रूह कांप जाती है। 


9. रहस्यमय यात्री हॉरर स्टोरी (Ghost Story for Kids in Hindi)

रहस्यमय यात्री हॉरर स्टोरी (Ghost Story for Kids in Hindi)

विजय एक टैक्सी ड्राइवर है। वो अपनी रोजी रोटी के लिए हर दिन टैक्सी चलाता है। एक रात को वह अपने सारे काम करके घर वापस जा रहा था। उस रात उसे बहुत देर हो गई थी तो विजय गाड़ी जल्दी जल्दी चला रहा था। 

कुछ दूर पर विजय को किसी इंसान की परछाई दिखी। रोड के किनारे विजय ने सोचा बहुत देर हो चुकी है, लेकिन उस इंसान का घर अगर रास्ते में ही पड़ता होगा तो वह उसे छोड़ देगा। तो विजय उसके पास जाकर पूछता है कि आपको कहां जाना है? 

वह इंसान कार की तरफ झुकता है। उसने एक बहुत पुराना कोट और एक टोपी पहनी थी जिसकी वजह से उसकी आधी शकल छुप गई थी। विजय ने उस इंसान की हरे रंग की गाल और उसके मुंह में बहुत सारे दांत देखे जैसे किसी जानवर के हों। 

विजय ने फिर बिना सोचे सारे दरवाजे लॉक कर दिए और गाड़ी स्टार्ट करके निकलने ही वाला था कि इतनी ही देर में वह आदमी गाड़ी के पीछे बैठ गया। विजय को कुछ समझ में नहीं आया कि वह इंसान गाड़ी में कैसे घुसा, जबकि उसने सारे दरवाजे बंद कर दिए थे। 

फिर विजय ने उस इंसान से कांपती हुई आवाज में पूछा कि आपको कहां जाना है?

उस इंसान ने उंगली दिखाकर गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए कहा। विजय ने इसके बाद फिर गाड़ी आगे बढ़ाई। उसको पता नहीं था कि वह लोग कहां जा रहे हैं। विजय गाड़ी चलाते चलाते बार बार आईने में देख रहा था उस इंसान को। वह आदमी पीछे शांति से बैठा हुआ था और अजीब तरह से मुस्कुरा रहा था। 

फिर विजय ने कुछ देर के लिए आईने से नजर हटा ली और रोड की तरफ देखने लगा। कुछ देर बाद जब विजय ने आईने में वापस देखा तो पीछे उसे कोई नहीं दिखा। फिर उसने देखा कि वह आदमी उसके बगल वाले सीट में बैठा हुआ था।

इसके बाद अचानक से विजय उठा और उसने देखा कि वह सपना देख रहा था। 

अभी भी आधी रात हो रही थी और विजय को घर जाना था तो विजय ने गाड़ी शुरू की और घर की तरफ जाने लगा। कुछ दूर जाने के बाद विजय को कुछ दूर पर एक इंसान खड़ा दिखा। बिल्कुल उसके सपने की तरह। पर इस बार विजय नहीं रुका और उसने अपनी गाड़ी की रफ्तार और तेज कर दी।


10. डरावना बंगला की भूतिया कहानी (Bhoot Story in Hindi for Kids)

डरावना बंगला की भूतिया कहानी (Bhoot Story in Hindi for Kids)

युवा लड़की का नाम नीता था, जो एक छोटे गांव में रहती थी। एक दिन उसके गांव के पास एक पुराने मकबरे में आत्म समर्पित घर में अकेले होने का मौका मिला। नीता को लगा कि यह एक अच्छा मौका है अपने आत्मविश्वास को साबित करने का और उसने उसे स्वीकार कर लिया। 

रात के समय नीता ने अद्भुत और डरावनी आवाज सुनी जो मकबरे से आ रही थी। धीरे धीरे वह उसे खोजने के लिए बंगले के अंदर चली गई। वहां पहुंचकर उसने एक पुरानी और भयानक चुड़ैल का सामना किया जो वहां अपनी भूख को शांति देने के लिए रहती थी। 

चुड़ैल ने नीता को अपने जाल में फंसाया और उसे अपना अगला शिकार बनाने की कोशिश की। लेकिन नीता ने अपनी होशियारी और साहस से चुड़ैल का मुकाबला किया। उसने एक पुरानी मंत्र का जाप किया और चुड़ैल को पराजित कर दिया। 

नीता ने बंगले से बाहर निकलते हुए एक सबक सीखा कि डर से नहीं भागना चाहिए, बल्कि साहस और संयम के साथ अपने आप को आगे बढ़ाना चाहिए।


11. डर का साया – हॉरर स्टोरी (Bhoot Wali Kahani in Hindi)

डर का साया - हॉरर स्टोरी (Bhoot Wali Kahani in Hindi)

हॉजसन परिवार एक आम सा परिवार था जो एनफील्ड के एक पुराने घर में रहता था। उनके घर में कुछ अजीब घटनाएं होने लगी थीं, जिनके बारे में सोचकर भी उनकी रूह कांप जाती थी। घर की चीजें खुद ही हिलती डुलती थीं। रात में अजीब आवाजें आती थीं और उनकी छोटी बेटी जैनेट को अकसर दर्द और बीमारियों का सामना करना पड़ता था। 

एक दिन जेनेट को एक भयानक आत्मा ने कब्जा कर लिया। वह अजीब तरह से बात करने लगी। उसका शरीर अजीब हरकतें करने लगा और घर में भय का साया छा गया। हॉजसन परिवार ने हर हाथ थका डाला और आखिर में पैरानॉर्मल जांचकर्ताओं और लोरेन वॉरेन से संपर्क किया। 

वॉरेन दंपति अपने अनुभव और कौशल के लिए जाने जाते थे। उन्होंने एनफील्ड के घर में जाकर जांच की और पता चला कि घर में एक पुरानी और शक्तिशाली आत्मा का वास था। आत्मा एक पुराने संन्यासी की थी, जो घर में रहने वाले लोगों को परेशान करना चाहता था। 

वॉरेन दंपति ने आत्मा को भगाने का फैसला किया। यह एक कटु और खतरनाक लड़ाई थी। उन्होंने अपने ज्ञान और धार्मिक विधियों का उपयोग करके आत्मा से लड़ाई की और आखिर में इसे घर से भगाने में सफल हो गए। 

आत्मा के भाग जाने के बाद वॉटसन परिवार को सुकून मिला। जैनेट को आत्मा से आजादी मिल गई और घर में फिर से शांति छा गई। वारेन दंपति ने एक बार फिर अपने काम का सबूत दिया और सबको भय से मुक्ति दिलाने में सफल रहे। 

यह कहानी सच हुई थी 1977 में एनफील्ड में। वारेन दंपति ने इस घटना की जांच की थी और अपनी किताब द एनफील्ड कोल्टर जस्ट में इसके बारे में लिखा था। द कॉनज्यूरिंग दो (The Conjuring 2) फिल्म भी इसी सच हुई घटना पर आधारित है। 


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Rakesh Dewangan

मेरा नाम राकेश देवांगन है। Hindi Kahani ब्लॉग वेबसाइट पर मेरा उद्देश्य हिंदी में प्रेरक, मजेदार, और नैतिक कहानियों के माध्यम से पाठकों को मनोरंजन और शिक्षित करना है। मेरी कोशिश है कि मैं उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करूँ जो लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए। आपके समर्थन से, मैं अपने इस सफर को और भी रोमांचक और सफल बनाने की उम्मीद करता हूँ।

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