ज़रा सोचो क्या हो अगर आपके शरीर का कोई भी एक हिस्सा काम करना बंद कर दे, जिससे आपको काम करने में मुश्किल होने लगे तो आप क्या करोगे? मैं बताता हूं। 95% से ज्यादा लोग तो यही सोचेंगे कि यार मैं काम कैसे कर सकता हूं। मुझे तो इतनी सारी प्रॉब्लम है।
पर दोस्तों, एक बार अगर आपने इस कहानी को पूरा पढ़ लिया तो आपको अपनी सारी बीमारी इतनी छोटी लगने लगेगी कि आप उसे भूलकर अपने लाइफ में कुछ कर दिखाने का जुनून और पागलपन पैदा कर लोगे। अगर आपमें कुछ करने की चाह है तो इस स्टोरी को लास्ट तक ज़रूर पढियेगा।
क्या आप जानते हैं एक ऐसा इंसान भी है जिसके शरीर का 95% से ज्यादा हिस्सा पैरालाइज्ड (Paralysed) था पर फिर भी वो इंसान दुनिया भर में इतना फेमस और महान था और है कि हर कोई उसके बारे में जानता होगा।
दोस्तों ये कोई और नहीं दुनिया का महान साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिंग (The Greatest Scientist Stephen Hawking) है। इस जेनरेशन के लिए स्टीफन एक ऐसा example हैं कि जिसने अपना सब कुछ खो देने के बाद भी अपनी हिम्मत और हौसले को कभी नहीं खोया। इसे पागलपन और जुनून नहीं कहोगे तो क्या कहोगे?
Stephen Hawking’s Inspirational Story in Hindi – Biography
दोस्तों, तो आइए इस ब्लॉग पोस्ट में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं स्टीफन हॉकिंग के बचपन, उनकी बीमारी, विज्ञान में उनकी उपलब्धियां और उनकी म्रुत्यु के बारे में।
स्टीफन हॉकिंग कौन हैं? Who is Stephen Hawking?
8 जनवरी सन् 1942 के दिन इंग्लैंड के ऑक्सफॉर्ड (Oxford) शहर में फ्रैंक एंड इसाबेल हॉकिंग (Frank and Isobel Hawking) के यहां स्टीफन विलियम हॉकिंग (Stephen William Hawking) का जन्म हुआ। स्टीफन पढ़ाई और अलग अलग एक्टिविटीज में इंट्रेस्ट रखा करते थे।
छोटी सी ही उम्र में स्टीफन लोगों को अपने इंटेलिजेंस (intelligence) से हैरान कर देते थे। बचपन से ही स्टीफन मैथ्स सब्जेक्ट में बहुत इंट्रेस्ट लिया करते थे, लेकिन उनके पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे।
स्टीफन हॉकिंग की बीमारी (Stephen Hawking’s Disease)
एक दिन की बात है। स्टीफन जब 21 साल के थे, वह अपनी छुट्टियां मनाने के लिए अपने घर आए हुए थे। वह सीढ़ी से उतर ही रहे थे कि तभी वह बेहोश होकर सीढ़ी से नीचे गिर गए और उन्हें तुरंत ही डॉक्टर के पास ले जाया गया।
शुरू में तो नॉर्मल कमजोरी बताकर बात को टाल दिया गया था, पर बार बार ऐसा होने की वजह से उन्हें एक अच्छे डॉक्टर के पास ले जाया गया। वहां जो पता चला उसे सुनकर स्टीफन और उनकी फैमिली के तो होश ही उड़ गए। वहां यह पता चला कि स्टीफन को एक अनजान और कभी न ठीक होने वाली बीमारी है, जिसका नाम मोटर न्यूरॉन बीमारी (motor neurone disease) है।
इस बीमारी से शरीर का सारा हिस्सा एक एक करके काम करना बंद हो जाता है और यहां तक कि सांस लेने वाली नली भी बंद हो जाती है, जिससे इंसान घुट घुटकर मर जाता है। डॉक्टर ने तो यह भी कह दिया था कि स्टेफेन बस दो साल के मेहमान हैं, लेकिन स्टीफन को कहां फर्क पड़ने वाला था।
उस बंदे ने तो ठान लिया था और कह दिया कि मैं 2 नहीं, 20 नहीं, पूरे के पूरे 50 सालों तक जीऊंगा। उस समय तो सबने स्टीफन को दिलासा देने के लिए हां में हां मिला दी थी। पर आज पूरी दुनिया जानती है कि स्टीफन ने जो कहा था, वह कर दिखाया।
दोस्तों, अगर आप ठान लो कि आपको अपनी लाइफ में कुछ करना है और आपमे हिम्मत और हौसले मजबूत हैं तो आपके सामने मुसीबत को भी एक दिन घुटने टेकने ही पड़ेंगे।
आखिरकार वह दिन आ गया था कि स्टीफन का पूरा शरीर उनकी 60 की उम्र तक लकवाग्रस्त (Paralysed) हो गया था और डॉक्टर ने उन्हें परमानेंट व्हीलचेयर के लिए सलाह (Reccommend) कर दिया था। पर इतना सब हो जाने के बाद भी यह इंसान रुका नहीं।
उनके ख़ुद के शब्दों में,
उन्होंने कहा – “हालांकि मैं चल नहीं सकता पर मेरी उम्मीद टूटी नहीं थी मै आगे बड़ा और कंप्यूटर के माध्यम से बात करनी पड़ती है, लेकिन अपने दिमाग से मैं आज़ाद हूँ।“
टेक्नोलॉजी की हेल्प से यह इंसान अपने दिमाग के द्वारा इस दुनिया को साइंस की फील्ड में बहुत सारा योगदान दिया। वे कहते थे की 21 साल की उम्र में मेरी सारी उम्मीदें शून्य हो गयी थी और उसके बाद जो पाया वह बोनस था।
स्टीफन हॉकिंग की उपलब्धियां (Achievements of Stephen Hawking)
भौतिकी में हॉकिंग के योगदान ने उन्हें कई असाधारण सम्मान दिए। 1974 में रॉयल सोसाइटी ने उन्हें अपने सबसे कम उम्र के साथियों में से एक चुना। वह 1977 में कैंब्रिज में गुरुत्वाकर्षण भौतिकी के प्रोफेसर बने, और 1979 में उन्हें कैम्ब्रिज के गणित के प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया जो आइज़क न्यूटन (Isaac Newton) द्वारा एक बार पोस्ट किया गया था।
स्टीफन ने अपने लाइफ में द ब्लैक होल कांसेप्ट (The Black Hole Concept) दुनिया को दिया। उन्होंने हॉकिंग रेडिएशन (Hawking Radiation) का विचार भी दुनिया को दिया और उनके द्वारा लिखी गई किताब अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम ने (A Brief History of Time) साइंस की दुनिया में तहलका मचा दिया।
अपने टैलेंट की वजह से स्टीफन ने बहुत सारे मैडल और अवॉर्ड्स भी जीते जैसे कि कोपले मेडल (Copley Medal), अल्बर्ट आइंस्टीन मेडल (Albert Einstein Medal), वोल्फ प्राइज इन फिजिक्स (Wolf Prize in Physics) और प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम (Presidential Medal of Freedom)।
स्टीफन कहते थे कि साइंस लोगों को गरीबी और बीमारी से निकाल सकता है। बदले में वह सामाजिक अशांति खत्म कर सकता है।
वह अंतरिक्ष में भी जाना चाहते थे और वे कहते थे कि उन्हें ख़ुशी होगी कि भले ही उनकी अंतरिक्ष में मृत्यु हो जाए पर मैं अंतरिछ का खूबसूरत नजारा देखना चाहूंगा।
स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु (Death of Stephen Hawking)
ऐसे ही महान और प्रेरणादायी छवि रखने वाले महान साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिंग अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका निधन 14 मार्च 2018 को हुआ था। उनके जाने के बाद साइंस फील्ड में उनके द्वारा दिए गए योगदान न केवल साइंस की दुनिया बल्कि पूरी दुनिया याद करती है और हमेशा करती रहेगी।
अपनी संघर्ष और अविश्वसनीय रीयल लाइफ स्टोरी के द्वारा उन्होंने दुनिया भर को एक लास्ट मैसेज दिया था कि इंसान भले ही शरीर से पैरालाइज्ड हो जाए लेकिन बुद्धि और आत्मा से कभी पैरालाइज नहीं होना चाहिए।
Stephen Hawking’s Motivational Quote
‘However difficult life may seem, there is always something you can do and succeed at.
जीने की इच्छा और चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तत्परता से स्टेफन हाकिंग ने यह साबित कर दिया कि मृत्यु निश्चित है, लेकिन जन्म और मृत्यु के बीच कैसे जीना चाहते हैं वह हम पर निर्भर है|
हम ख़ुद को मुश्किलों से घिरा पाकर निराशावादी नज़रिया लेकर मृत्यु का इंतज़ार कर सकतें है या जीने की इच्छा और चुनौतियों को स्वीकार कर ख़ुद को अपने सपनों के प्रति समर्पित करके एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जी सकते है और खुस रह सकते है
दोस्तों, हमें इनकी स्टोरी से यह सीख मिलती है कि मुसीबत और मुश्किल चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो हमें अपने हिम्मत और हौसले को कभी नहीं खोना चाहिए।
तो दोस्तों, आपको यह Stephen Hawking motivational story in Hindi कैसी लगी हमें कमेंट में जरूर बताएं क्योंकि आपका विचार हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। और साथ ही इस पोस्ट को आप अपने दोस्तों को भी शेयर कीजियेगा।
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